अतिक्रमण और मौसम की आपदा के लिए अलर्ट जारी करेगा जेएनयू, प्रोजेक्ट तैयार
प्रो. अमिता ने कहा कि दिल्ली में आपदा प्रबंधन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसे हम लागू करने जा रहे हैं।
नई दिल्ली, राहुल मानव। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्पेशल सेंटर फॉर डिजास्टर रिसर्च (एसडीएसआर) का समझौता स्काइमेट वेदर सर्विसेज के साथ होने जा रहा है। इसके तहत यह कंपनी जेएनयू में प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन और ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित करेगी। एसडीएसआर की अध्यक्ष प्रो. अमिता सिंह ने बताया कि यह समझौता मंगलवार को होगा। इसके 15 दिन बाद तक यह स्टेशन स्थापित हो जाएंगे।
तैयार किया गया है प्रोजेक्ट
प्रो. अमिता ने कहा कि दिल्ली में आपदा प्रबंधन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसे हम लागू करने जा रहे हैं। हमारा प्रयास होगा कि दिल्ली में कहां-कहां पर अतिक्रमण हैं और इससे किस तरह के हादसे हो सकते हैं। साथ ही मौसम का रुख क्या रहेगा। इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
कई गांवों में चल रहा है शोध
प्रो. अमिता सिंह ने बताया कि 2014 से जेएनयू के पास स्थित किशनगढ़, हौज खास विलेज, बेरसराय और मुनिरका गांवों में हमारा शोध चल रहा है। इसमें यह बात सामने आई है कि इन इलाकों में बिजली की खराब वायरिंग है। इन इलाकों में यदि भूकंप आ जाए तो गंभीर हादसे हो सकते हैं।
ये हैं प्रोजेक्ट के तीन चरण
पहला चरण
- इसमें स्काइमेट द्वारा प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन और ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित करने के बाद हर रोज मौसम, हवा की तीव्रता, प्रदूषण की जानकारी, हवा में नमी के स्तर का डेटा जुटाया जाएगा। इसके बाद समय-समय पर जिला आपदा प्रबंधन (डीडीएम) की दिल्ली की सभी टीमों के पास भेजा जाएगा।
दूसरा चरण
- दिल्ली में जिला स्तर पर डीडीएम को मैसेज अलर्ट भेजा जाएगा कि दिल्ली में कब आपातकालीन स्थिति होने की आशंका रहती है। साथ ही बारिश के हालातों पर नजर रखते हुए यह भी बताया जाएगा कि कब कितनी बारिश हो सकती है। इसमें सटीक चेतावनी डीडीएम को दी जाएगी। साथ ही इस एजेंसी और स्थानीय लोगों को कम्युनिटी स्तर पर वाट्सएप के जरिये भी अलर्ट मैसेज भेजा जाएगा।
तीसरा चरण
- इसमें जेएनयू के एसस डीआर के जरिये दिल्ली में आपदा प्रबंधन के लिए एक कम्युनिटी रेडियो स्थापित किया जाएगा, जिसके माध्यम से लोगों और सभी एजेंसियों को अलर्ट भेजा जाएगा। जेएनयू के एससीडीआर का मकसद है कि दिल्ली की डीडीएम को मौसम एवं आपदा प्रबंधन से जुड़ी तमाम जानकारियां पहले दी जा सकें, जिससे वह सशक्त रूप से काम करते हुए लोगों के बीच अलर्ट जारी करें।
डीयू के पांच कॉलेज जेएनयू के साथ मिलकर करेंगे काम
जेएनयू के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के पांच कॉलेज भी जुड़ चुके हैं, जो अपने स्तर पर अपने-अपने इलाकों में आपदा प्रबंधन से जुड़ी जागरूकता फैला रहे हैं। लेडी श्रीराम कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज, मिरांडा हाउस, मोतीलाल नेहरू कॉलेज और शहीद भगत सिंह कॉलेज को कॉलेज क्लस्टर प्रोग्राम के साथ जोड़ा है।