JNU ने मानी छात्रों की लंबे समय से चली आ रही मांग, सैंकड़ों लोगों को मिलेगा फायदा

एबीवीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने बताया कि लाइब्रेरी खोलना बहुत जरूरी था। छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। एबीवीपी विगत कई दिनों से लाइब्रेरी खोलने की मांग कर रही थी। इस बाबत डीन आफ स्टूडेंट वेलफेयर को ज्ञापन भी सौंपा गया था।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sat, 13 Mar 2021 07:31 PM (IST) Updated:Sat, 13 Mar 2021 07:31 PM (IST)
JNU ने मानी छात्रों की लंबे समय से चली आ रही मांग, सैंकड़ों लोगों को मिलेगा फायदा
विगत कई दिनों से लाइब्रेरी खोलने की मांग कर रहे थे छात्र

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) आखिरकार डॉ बीआर अम्बेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी खोलने के लिए राजी हो गया है। जेएनयू प्रशासन ने एक दिशानिर्देश जारी कर बताया कि चरणबद्ध तरीके से लाइब्रेरी खेली जाएगी। पहले चरण में भूतल खोला जाएगा। यहां शारीरिक दूरी का पालन करते हुए छात्र पढ़ाई कर सकेंगे। जेएनयू ने विभागों के अध्ययन कक्ष खोलने के भी निर्देश दिए है।

एबीवीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने बताया कि लाइब्रेरी खोलना बहुत जरूरी था। छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। एबीवीपी विगत कई दिनों से लाइब्रेरी खोलने की मांग कर रही थी। इस बाबत डीन आफ स्टूडेंट वेलफेयर को ज्ञापन भी सौंपा गया था। हालांकि जेएनयू लाइब्रेरी खुलने के बाद की परिस्थितियों पर नजर रखेगा। इसकी जिम्मेदारी विभागों के डीन व चेयरपर्सन को सौंपी गई है। उन्हें हालात की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।

एनएसएस की मदद

सेंट्रल लाइब्रेरी समेत जेएनयू परिसर में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए प्रशासन राष्ट्रीय सेवा योजना(एनएसएस) की मदद लेगा। जेएनयू प्रशासन ने कहा कि नुक्कड़ नाटक, विभिन्न पोस्टरों के जरिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। परिसर स्थित मुगल दरबार ढाबा, 24 घंटे फूड कोर्ट को भी खोलने की इजाजत दी गई है। हालांकि यहां सिर्फ खाना पैक कराने की सुविधा उपलब्ध होगी। परिसर में जेएनयू स्टिकर वाले वाहनों को सरस्वतीपुरम, पूर्वी गेट, आइआइएमसी गेट से प्रवेश की इजाजत दी जाएगी।

ढाबा संचालकों की मदद करेंगे छात्र

गत वर्ष मार्च महीने में लाकडाउन लगने पर जेएनयू परिसर स्थित ढाबों को भी बंद कर दिया गया था। करीब एक साल बाद ढाबे खुले हैं। छात्र आदर्श कुमार ने कहा कि स्कूल आफ लैंग्वेज में मदन कैंटीन हैं। यहीं पास ही सुकन दादी भी ढाबा चलाती है। कोरोना काल में इनके परिवार के एक शख्स की मौत हो गई थी। परिवार पहले से परेशान है। ढाबा खुला तो पता चला कि अंदर रखा राशन खराब हो चुका है। जेएनयू प्रशासन ने कई ढाबा संचालकों को 50 हजार से एक लाख रुपये तक का बकाया बिजली बिल भेज दिया है। अब छात्र जेएनयू प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं कि जब कैंटीन, ढाबे बंद थे तो बिजली बिल क्यों भेजा गया? वहीं एबीवीपी जेएनयू इकाई अध्यक्ष शिवम चौरसिया कहते हैं कि छात्रों का प्रतिनिधिमंडल दादी से मिला था। छात्र मिलकर उनकी मदद करेंगे।

राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग

एनएसयूआइ जेएनयू इकाई की कार्यकारिणी परिषद की बैठक हुई। जिसमें अध्यक्ष प्रशांत कुमार के नेतृत्व में सांसद राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त करने की गुजारिश की गई। इस बाबत एक प्रस्ताव भी पास हुआ। राहुल गांधी के वक्तव्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने पर भी आपत्ति जताई गई। 

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