JNU Violence: 5 जनवरी को हुई हिंसा के खिलाफ यूनिवर्सिटी कैंपस में ABVP का प्रदर्शन
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्याल में 5 जनवरी को हुई हिंसा के खिलाफ छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन कर रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र/ एएनआइ। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्याल में 5 जनवरी को हुई हिंसा के खिलाफ छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्र नारेबाजी भी कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने 5 जनवरी की हिंसा के खिलाफ जेएनयू में मार्च निकाला।
छात्रों ने नक्सलवाद बंद हो और पढ़ाई फिर से शुरू हो जैसे पोस्टर-बैनर लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने साबरमती टी-पॉइंट से मार्च शुरू किया। छात्रों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को मानव श्रृंखला भी बनाई।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों में वे छात्र भी शामिल रहे जिनको पांच जनवरी के दौरान हुई हिंसा में चोटें आयी थीं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि युनिवर्सिटी में पढ़ाई का कार्य फिर से शुरू किया जाए।
एबीवीपी के 17 छात्रों ने दी शिकायत
जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े संस्थान के छात्रों ने वसंत कुंज नॉर्थ थाने में शिकायत दी है। एबीवीपी के जेएनयू यूनिट के सचिव मनीष जांगिड ने दावा किया है कि उनके संगठन से जुड़े 17 छात्रों ने पुलिस में जेएनयू प्रकरण में शिकायत दी है। इसमें वह खुद भी शामिल हैं।
मनीष ने शिकायत में कहा है कि पेरियार छात्रवास में वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने पत्थरबाजी की और उन्हें डंडों व रॉड से मारा। उन्होंने कहा कि रविवार को सुबह 11 बजे वह और उनके छात्र संगठन से जुड़े विभिन्न छात्र व अन्य छात्र स्कूल ऑफ सोशल साइंस में शीतकालीन सेमेस्टर में पंजीकरण कराने के लिए इकट्ठा हुए थे। कुछ समय बाद वामपंथी छात्र संगठनों के छात्रों ने हम पर हमला कर दिया। बाद में अपराह्न् तीन बजे पेरियार छात्रवास पर भी भीड़ ने हमला किया। इसका नेतृत्व छात्र संघ के महासचिव सतीश चंद्र यादव कर रहे थे। उनके ठीक पीछे छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष थीं।
वहीं छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष ने मनीष के आरोपों को गलत बताया है। उधर, एबीवीपी ने कहा है कि वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा एबीवीपी से जुड़े चार कार्यकर्ताओं की फोटो जेएनयू कैंपस के अंदर लगाई गई है। इनका सामाजिक बहिष्कार करने के लिए भी पर्चे में लिखा गया है। यह गलत है।