Delhi: अक्षय ऊर्जा में हो रहे निवेश ने जीवाश्म ईंधन पर अपनी बढ़त को और मजबूत किया

स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हुआ निवेश वर्ष 2023 में बढ़कर 1.7 ट्रिलियन डालर तक पहुंचने की राह पर है। ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब सौर ऊर्जा पर होने वाले निवेश की मात्रा तेल उत्पादन पर होने जा रहे निवेश से ज्यादा हो जाएगी।

By sanjeev GuptaEdited By: Publish:Fri, 26 May 2023 09:23 PM (IST) Updated:Fri, 26 May 2023 09:23 PM (IST)
Delhi: अक्षय ऊर्जा में हो रहे निवेश ने जीवाश्म ईंधन पर अपनी बढ़त को और मजबूत किया
अक्षय ऊर्जा में हो रहे निवेश ने जीवाश्म ईंधन पर अपनी बढ़त को और मजबूत किया

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हुआ निवेश वर्ष 2023 में बढ़कर 1.7 ट्रिलियन डालर तक पहुंचने की राह पर है। ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब सौर ऊर्जा पर होने वाले निवेश की मात्रा तेल उत्पादन पर होने जा रहे निवेश से ज्यादा हो जाएगी।

इंडस्ट्रियल एनर्जी इफीशियंसी एसीलिरेटर (आईईए) की वर्ल्ड एनर्जी इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में पूरी दुनिया में ऊर्जा क्षेत्र में 2.8 ट्रिलियन डॉलर का निवेश होने जा रहा है, जिसमें से 1.7 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की धनराशि को स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों जैसे- अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, परमाणु ऊर्जा, ग्रिड स्टोरेज, कम प्रदूषणकारी तत्वों के उत्सर्जन वाले ईंधन दक्षता सुधार तथा हीट पंप इत्यादि स्वच्छ प्रौद्योगिकियों पर निवेश किए जाने की संभावना है। बाकी धनराशि जो एक ट्रिलियन डॉलर से कुछ ही ज्यादा है, उसे कोयला गैस तथा तेल पर खर्च किया जाना है।

वर्ष 2021 से 2023 के बीच साफ ऊर्जा पर होने वाले सालाना निवेश में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है जबकि इसी अवधि में जीवाश्म ईंधन पर होने वाले निवेश में 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। मगर फिक्र की बात यह है कि इसका 90 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा चीन जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की तरफ से खर्च किया जाएगा। अगर दुनिया में स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण के काम ने तुरंत तेजी नहीं हासिल की तो चीन का यह कदम यह वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में एक विभाजनकारी पहलू के उभरने का गंभीर खतरा होगा।

आईईए के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फातिह बिरोल ने कहा, "साफ ऊर्जा बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। यह लोगों की सोच से भी ज्यादा तेज रफ्तार से कदम बढ़ा रही है। निवेश के रूप में इस तेजी को महसूस किया जा सकता है क्योंकि स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर हो रहा निवेश जीवाश्म ईंधन से जुड़ी बिजली प्रौद्योगिकियों को पछाड़ रहा है। जीवाश्म ईंधन पर खर्च हो रहे हर डॉलर के मुकाबले लगभग 1.7 डॉलर अब अक्षय ऊर्जा पर निवेश किये जा रहे हैं। पांच साल पहले यह अनुपात 1:1 का था। इसका एक चमकदार उदाहरण सौर ऊर्जा पर हो रहा निवेश है, जो इतिहास में पहली बार तेल उत्पादन पर होने वाले निवेश को भी पार करने जा रहा है।"

सौर ऊर्जा की अगुवाई में कम उत्सर्जन वाली बिजली उत्पादन प्रौद्योगिकियों पर कुल के करीब 90 प्रतिशत हिस्से के बराबर निवेश होने की संभावना है। उपभोक्ता अब ज्यादा विद्युतीकृत उत्पादों पर खर्च कर रही हैं। हीट पंप की वैश्विक बिक्री में वर्ष 2021 से अब तक दोहरे अंकों की सालाना वृद्धि हो चुकी है। इसके अलावा इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में भी एक तिहाई की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। वर्ष 2022 से ही इन वाहनों की खरीद में वृद्धि हुई है। तेल और गैस को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2023 में होने वाले खर्च में 7 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।

वर्ष 2023 में अपस्ट्रीम तेल और गैस पर खर्च की मात्रा 7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। यह वापस वर्ष 2019 के स्तर पर पहुंच जाएगा। कुछ तेल कंपनियां जो कोविड-19 महामारी से पहले की तुलना में अधिक निवेश कर रही हैं, वे ज्यादातर मध्य पूर्व की बड़ी राष्ट्रीय तेल कंपनियां हैं। कई जीवाश्म ईंधन उत्पादकों ने पिछले साल ईंधन की ऊंची कीमतों के कारण रिकॉर्ड मुनाफा कमाया, लेकिन इस फायदे का ज्यादातर हिस्सा पारंपरिक आपूर्ति में वापस जाने के बजाय लाभांश, शेयर पुनर्खरीद और ऋण चुकौती में चला गया है।

फिर भी जीवाश्म ईंधन में निवेश में अपेक्षित वापसी का मतलब है कि यह आईईए के वर्ष 2050 के नेटजीरो एमिशन सिनेरियो में वर्ष 2030 के लिए जरूरी स्तरों के दोगुने से ज्यादा वृद्धि वर्ष 2023 में ही होने जा रही है। वैश्विक कोयले की मांग 2022 में अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई, और इस साल कोयला निवेश नेट जीरो परिदृश्य में 2030 में परिकल्पित स्तरों के लगभग छह गुना के स्तर तक पहुंचने की राह पर है।

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