Railway News: लाखों यात्रियों पर पड़ेगा फर्क, उनकी सहूलियत के लिए रेलवे ने उठाया बड़ा कदम

मानसून में जलभराव भूमि कटाव रेलवे लाइन को नुकसान सिग्नल प्रणाली में खराबी से ट्रेनों की आवाजाही बाधित होती है। पिछले वर्ष नई दिल्ली स्टेशन और इसके आसपास पानी भरने से ट्रेनों के परिचालन में परेशानी पैदा हुई थी।

By Geetarjun GautamEdited By: Publish:Sat, 02 Jul 2022 01:34 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jul 2022 01:34 PM (IST)
Railway News: लाखों यात्रियों पर पड़ेगा फर्क, उनकी सहूलियत के लिए रेलवे ने उठाया बड़ा कदम
लाखों यात्रियों पर पड़ेगा फर्क, उनकी सहूलियत के लिए रेलवे ने उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। मानसून में जलभराव, भूमि कटाव, रेलवे लाइन को नुकसान, सिग्नल प्रणाली में खराबी से ट्रेनों की आवाजाही बाधित होती है। पिछले वर्ष नई दिल्ली स्टेशन और इसके आसपास पानी भरने से ट्रेनों के परिचालन में परेशानी पैदा हुई थी।

इस बार परेशानी से बचने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। रेलवे ट्रैक की निगरानी के साथ ही जलभराव वाले स्थानों की पहचान कर जलनिकासी की व्यवस्था की जा रही है।

मानसून के दौरान रेल परिचालन में बाधा न आए, इसके लिए उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने मई में ही सभी मंडलों को जरूरी तैयारी करने को कहा था। मंडलों के संबंधित अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने और समस्या हल करने के लिए जरूरत के अनुसार तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल मानसून में नई दिल्ली स्टेशन सहित कई स्टेशनों से ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरह से बाधित हुई थी। वर्षा का पानी ट्रैक पर भर गया था और सिग्नल सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा था। कई दिन तक यह समस्या रही थी। इसी तरह पुरानी दिल्ली के आसपास भी ट्रैक पर पानी भरने से परेशानी हुई थी।

वर्षा का पानी ट्रैक पर जमा नहीं हो, इसके लिए जलनिकासी व्यवस्था की समीक्षा की गई है। नालों की सफाई करने के साथ ही संवेदनशील स्थानों की सूची तैयार कर उसकी निगरानी की जा रही है। रेलवे स्टेशनों पर सीवर लाइन की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है।

वर्षा होने पर सिग्नल प्रणाली में अक्सर खराबी आती है। इससे बचने के लिए सिग्नल उपकरण के आसपास पानी न भरे, इसका ध्यान रखा जा रहा है। बड़े पुल और भूमि कटाव वाले स्थानों की निगरानी की जा रही है।

वर्षा के दिनों में ट्रैक पर पेड़ गिरने से भी ट्रेनों की आवाजाही बाधित होती है। कई स्थानों पर अभी भी पेड़ों की बढ़ी हुई टहनियों की छंटाई नहीं हुई है। कुछ दिन पहले आनलाइन समीक्षा बैठक में महाप्रबंधक ने सभी मंडलों के अधिकारियों को इस समस्या को हल करने का निर्देश दिया थे।

पेड़ों की टहनियों की छंटाई के लिए वन विभाग से जल्द अनुमति लेने को कहा गया है। साथ ही, मानसून में ट्रेनों की आवाजाही में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए कर्मचारियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि सुरक्षित रेल परिचालन संभव हो सके।

chat bot
आपका साथी