चिराग पासवान को जारी सरकारी आवास खाली करने के आदेश में हस्तक्षेप से हाई कोर्ट का इन्कार

चिराग पासवान की मां रीना पासवास ने याचिका दायर कर चार महीने की मोहलत देने की मांग की थी। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने बेदखल करने से जुड़े आदेश में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

By Vineet TripathiEdited By: Publish:Thu, 31 Mar 2022 02:31 PM (IST) Updated:Thu, 31 Mar 2022 02:31 PM (IST)
चिराग पासवान को जारी सरकारी आवास खाली करने के आदेश में हस्तक्षेप से हाई कोर्ट का इन्कार
मूलरूप से सरकारी आवास पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नाम पर किया गया था आवंटित

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। जनपथ स्थित लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद चिराग पासवान को सरकारी आवासी से बेदखल करने से जुड़े आदेश के खिलाफ याचिका दायर कर ामाेहलत देने की मांग वाली उनकी मां रीना पासवान की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने बेदखल करने से जुड़े आदेश में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी। मूल रूप से उक्त भवन चिराग के पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवाल को आवंटित किया गया था।

रीना पासवान की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता रजत वाधवा, अधिवक्ता आदित्य वरुण व अधिवक्ता लक्ष्य लूथरा ने दलील दी कि उक्त भवन को वर्ष 1989 में रामविलास पासवान को आवंटित किया गया था। बीते 30 साल से वे इसी भवन में रहे थे। ऐसे में भवन को खाली करने के लिए उन्हें चार महीने की मोहलत दी जाए ताकि वे भवन को खाली कर सकें।उन्होंने कहा कि भवन में कई लोगों के रहने के कारण इसे खाली करने में व्यवहारिक दिक्कत आ रही है।

संपदा निदेशालय (डीओई) ने वर्ष 2020 में चिराग पासवान को बेदखली का आदेश जारी किया था। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अदालत को सूचित किया कि बेदखली की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और रहने वालों को वर्ष 2020 में प्रासंगिक नोटिस प्रदान किया गया था।पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद केंद्र सरकार के नोटिस पर हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

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