Dance Courses in DU: डीयू में नृत्य पाठ्यक्रम शामिल करने की मांग वाली याचिका खारिज
पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि या तो वह याचिका वापस ले ले नहीं तो जुर्माने के साथ खारिज कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में नृत्य पाठ्यक्रम और आगे की पढ़ाई शुरू कराने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर विचार करने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि यह कोई ऐसा निर्देश जारी नहीं कर सकता क्योंकि अदालत एक विश्वविद्यालय को नहीं बता सकता कि उसे कौन से पाठ्यक्रम पढ़ाने चाहिए।
पीठ ने यह भी कहा कि किसी भी नए पाठ्यक्रम के शुरू होने में पाठ्यक्रम की विविधता, संकायों की व्यस्तता और अन्य विभिन्न कदम शामिल करने का विवि बेहतर ले सकता है अदालत नहीं। पीठ ने आगे कहा कि देश में ऐसे संस्थान होंगे जो नृत्य पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं और याचिकाकर्ता को वहां जाना चाहिए।
पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा किआप दिल्ली में सबकुछ क्यों चाहते हैं, आप बाएं या दाएं चलना नहीं चाहते हैं। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि या तो वह याचिका वापस ले ले नहीं तो जुर्माने के साथ खारिज कर दिया जाएगा। इस पर याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) मुखर संगीत और वाद्य संगीत में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है, इसलिए नृत्य को भी सिखाया जाना चाहिए।
व्यवस्थित ढंग से हुआ मॉक टेस्ट का संचालन : डीयू
वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन का दावा है कि सोमवार को ऑनलाइन मॉक टेस्ट का आयोजन व्यवस्थित ढंग से हुआ है। डीयू के मीडिया समन्वयक प्रो. संजीव सिंह ने बताया कि ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा के अनुरूप छात्रों को ढालने के लिए मॉक टेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। मॉक टेस्ट वैकल्पिक व्यवस्था है जो भी छात्र इसे देना चाहते हैं। पिछली बार हुए मॉक टेस्ट से लेकर अभी तक हुए मॉक टेस्ट में डीयू के कुल 1 लाख 80 हजार छात्रों ने पंजीकरण कराया है। सोमवार को शाम 4 बजे तक नियमित, एनसीवेब और एसओएल को मिलाकर 13,815 छात्रों ने मॉक टेस्ट दिया।