प्रदूषण के खिलाफ जारी है जंग, 12 नवंबर तक लागू रहेगा ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान

डेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान को 12 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली तमाम गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी।

By Amit MishraEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 04:54 PM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 04:54 PM (IST)
प्रदूषण के खिलाफ जारी है जंग, 12 नवंबर तक लागू रहेगा ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान
प्रदूषण के खिलाफ जारी है जंग, 12 नवंबर तक लागू रहेगा ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक से बेहद खराब श्रेणी में चल रहा है। ऐसे हालातों को देखते हुए दिल्ली 12 नवंबर तक हाई अलर्ट पर ही रहेगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की सिफारिश के बाद पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में चल रहे तमाम प्रतिबंध 12 नवंबर तक बढ़ा दिए हैं। 12 को सीपीसीबी की टास्क फोर्स की अगली बैठक में स्थिति की फिर से समीक्षा की जाएगी। 13 और 14 को मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश की संभावना जताई है।

निर्माण कार्यों पर रोक जारी रहेगी
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल ने बताया कि इस दौरान दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर रोक जारी रहेगी। हालांकि मरम्मत और निर्माण सामग्री के बगैर होने वाले काम किए जा सकेंगे। इसके अलावा कोयले और बायोमास से चलने वाली औद्योगिक इकाइयां भी बंद रहेंगी। इसमें पावर प्लांट और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शामिल नहीं हैं। ईंट भट्ठे बंद रहेंगे, ट्रकों की एंट्री भी बंद रहेगी। इसके अलावा मुंडका औद्योगिक क्षेत्र भी बंद रहेगा। इसमें प्लास्टिक फैक्ट्री काम्प्लेक्स भी शामिल हैं। यहा पर अभी भी काफी संख्या में कूड़ा जमा है। 

हल्की बारिश की संभावना 
भूरेलाल ने बताया कि मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है उसके अनुसार 13 और 14 नवंबर को हल्की बारिश होगी। इससे प्रदूषण कम होगा। इसी के आधार पर अभी और सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। 12 नवंबर को आने वाले पूर्वानुमान देख के ही फैसला लिया जाएगा। ईपीसीए के अनुसार इतने सख्त कदमों के बीच औद्योगिक क्षेत्रों और कई तरह के दबाव आ रहे है। विरोध बढ़ता जा रहा है। ट्रकों के प्रवेश को अधिक दिन तक लगातार रोकना संभव नहीं है। ऐसे में यदि प्रदूषण में सुधार आता है तो कुछ ढील देने पर भी विचार किया जा रहा है। लेकिन, यह तभी मुमकिन है जब एयर इंडेक्स में सुधार आए।

बड़े प्रोजेक्ट पर पड़ रहा है असर

दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में निर्माण कार्यों पर रोक लगाने का असर भी दिखाई दे रहा है। गाजियाबाद में कई बड़े प्रोजेक्ट बंद कर दिए गए हैं। इसमें राज नगर एक्सटेंशन चौराहा, वसुंधरा फ्लाईओवर, चंद्रशिला अपार्टमेंट, मधुबन बापूधाम, इंदिरापुरम में निर्माण कार्य रुक गया है। राज नगर एक्सटेंशन चौराहा और वसुंधरा फ्लाईओवर का निर्माण बंद कर दिया गया है। बता दें कि जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने गाजियाबाद में 27 अक्टूबर से ही निर्माण कार्य रोकने के निर्देश दिए थे।

लोगों से की गई अपील

वायु प्रदूषण को देखते हुए गुरुग्राम में भी 10 नवंबर तक इमारतों के निर्माण कार्य रोकने के आदेश दिए थे। इतना ही नहीं सभी रिहायशी कॉलोनियों के बिल्डर प्रबंधन को अपने-अपने इलाकों में घरों का निर्माण रोक देने को कहा गया था। केन्द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा 1 नवंबर से 10 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर रोक लगाने से संबंधित दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा गया था कि 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच साइटों पर निर्माण कार्य करते पाए जाने पर नोटिस या सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया जाएगा, सीधा चालान होगा। लोगों से अपील भी की गई थी कि प्रदूषण के स्तर को देखते हुए खुद ही निर्माण कार्य बंद रखें। यह स्थिति अब 12 नवंबर तक बनी रहेगी। 

क्यों बिगड़े हालात

दिल्ली-एनसीआर के शहरों में प्रदूषण के बने इस हालात के लिए कौन जिम्मेदार है, फिलहाल किसी के पास भी इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। दिल्ली-एनसीआर में इससे बचने के लिए 'क्लीन एयर' नाम से एक नए अभियान का एलान जरूर किया गया। इसमें केंद्र और दिल्ली सरकार की संयुक्त भागीदारी रही। एक से पांच नवंबर तक केंद्र और दिल्ली सरकार की 52 टीमें संयुक्त रूप में दिल्ली व एनसीआर की सड़कों पर उतरीं और प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की। इस टीम में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल रहे।

ये थीं सीपीसीबी की सिफारिशें

दिल्ली एनसीआर में निर्माण और खोदाई संबंधी कार्यों पर एक से दस नवंबर तक रोक लगी रहेगी।

चार से दस नवंबर तक दिल्ली एनसीआर की कोयला एवं बॉयोमास से चलने वाली तमाम औद्योगिक इकाइयों को बंद रखी जाएंगी।

एक से 10 नवंबर तक दिल्ली व उसके सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सघन अभियान चलाया जाएगा, जिससे जाम न लगे।

ट्रैफिक नियंत्रण पर विशेष ध्यान।

दिल्ली व एनसीआर के निवासियों से अपील कि वे एक से दस नवंबर के बीच कम से कम यात्रा करें।

यात्रा जरूरी हो तो निजी वाहनों से विशेषकर डीजल वाहन के प्रयोग से बचें।

सार्वजनिक वाहन का ही प्रयोग करें। 

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