पहली बार देश में लगी ऐसी प्रदर्शनी, जिसमें 15 तस्वीरें POK में बने स्मारकों की

पहली बार देश में एक ऐसी प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें जम्मू-कश्मीर लद्दाख व गुलाम कश्मीर के ऐतिहासिक स्थलों को एक साथ प्रदर्शित किया गया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 06:45 PM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 07:12 PM (IST)
पहली बार देश में लगी ऐसी प्रदर्शनी, जिसमें 15 तस्वीरें POK में बने स्मारकों की
पहली बार देश में लगी ऐसी प्रदर्शनी, जिसमें 15 तस्वीरें POK में बने स्मारकों की

नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। अनुच्छेद-370 (article-30) को हटाए जाने के बाद पहली बार देश में गुलाम कश्मीर को लेकर नई बहस शुरू हुई है। इस बीच पहली बार देश में एक ऐसी प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख व गुलाम कश्मीर के ऐतिहासिक स्थलों को एक साथ प्रदर्शित किया गया है।

गुलाम कश्मीर के 28 स्मारकों में से 15 स्मारकों की तस्वीरों को राजधानी दिल्ली में मंगलवार से शुरू हुई इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी में शामिल किया गया। बृहस्पतिवार को प्रदर्शनी का समापन हो गया। प्रदर्शनी का उद्देश्य स्मारकों के माध्यम से देश की एकता की तस्वीर पेश करना है।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर (jammu and kashmir), लद्दाख (Ladakh) और गुलाम कश्मीर में कुल 55 स्मारक हैं। इनमें से 28 स्मारक गुलाम कश्मीर इलाके में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के जन्मदिन पर गुलाम कश्मीर के 15 स्मारकों की तस्वीरों की प्रदर्शनी का उद्घाटन मंगलवार को केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और उधमपुर से सांसद व पूवरेत्तर क्षेत्र विकास मंत्रलय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया था।

यह भी जानें गुलाम कश्मीर की सीमाएं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत, अफगानिस्तान के वाखान कॉरिडोर, चीन के झिनझियांग और कश्मीर के पूर्व से मिलती हैं। गुलाम कश्मीर की राजधानी मुज़फ्फराबाद है. यहां 8 ज़िले मीरपुर, भीमबर, कोटली, मुज़फ्फराबाद, बाग, नीलम, सूधानोटी और रावलकोट के अलावा 19 तहसीलें और 182 संघीय परिषदें हैं. यहां पर लोग मुख्य तौर से कृषि पर निर्भर हैं। मक्का, गेहूं, वन्य उत्पाद और पशुपालन यहां की आय के मुख्य स्रोत हैं। इस इलाके में कोयले व चॉक के कुछ रिज़र्व हैं, बॉक्साइट भी पाया जाता है. यहां के उद्योग प्रमुखत: लकड़ी की चीज़ें, कपड़ा और कालीन जैसे उत्पाद बनाते हैं। कृषि से यहां मशरूम, शहद, अखरोट, सेब, चेरी, कुछ औषधियां, मेवा और जलाऊ लकड़ी मिलती है। पश्तो, उर्दू, कश्मीरी और पंजाबी इस इलाके की प्रमुख भाषाएं हैं।

इस प्रदर्शनी का आयोजन राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (National Monument Authority) की ओर से किया गया। यह प्रदर्शनी एनएमए के परिसर में ही लगाई गई है। इसमें गुलाम कश्मीर के बाग जिले के एक, भिंबर जिले के छह, हवेली जिले के एक, कोठी जिले के चार, मीरपुर जिले के चार, मुजफ्फराबाद जिले के पांच, नीलम वैली जिले के दो और शुद्ध नोटी जिले के दो स्मारकों को शामिल किया गया है।

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