कबाड़ से सुर-साज तो कूड़े से निकली खूबसूरती, जानें- क्यों खास है 'कचरा समाधान महोत्सव'

कचरा समाधान महोत्सव का आगाज रंगारंग अंदाज में हुआ। विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने कबाड़ से बने वाद्य यंत्रों से संगीत की मधुर तान छेड़ी, जिसे सुन लोग आश्चर्यचकित रह गए।

By Amit MishraEdited By: Publish:Mon, 23 Apr 2018 12:42 PM (IST) Updated:Mon, 23 Apr 2018 12:43 PM (IST)
कबाड़ से सुर-साज तो कूड़े से निकली खूबसूरती, जानें- क्यों खास है 'कचरा समाधान महोत्सव'
कबाड़ से सुर-साज तो कूड़े से निकली खूबसूरती, जानें- क्यों खास है 'कचरा समाधान महोत्सव'

गाजियाबाद [जेएनएन]। कविनगर के रामलीला मैदान में रविवार को प्रदेश का पहला कचरा समाधान महोत्सव शुरू हुआ। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि वेस्ट से बेस्ट और उपयोगी चीजें बनाकर शहर को स्वच्छ, सुंदर और स्मार्ट बनाने में लोगों को योगदान देना होगा। जन-जन को स्रोत पर गीला व सूखा कचरा अलग करने और अपने स्तर से उसके निस्तारण के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है। 

कबाड़ से सुर-साज का नाता

कचरा समाधान महोत्सव का आगाज रंगारंग अंदाज में हुआ। विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने कबाड़ से बने वाद्य यंत्रों से संगीत की मधुर तान छेड़ी, जिसे सुन लोग आश्चर्यचकित रह गए। कबाड़ से सुर साज का नाता पहली बार लोगों ने देखा। कचरे से आकृति चित्रकारी व अन्य उपयोगी चीज बनाने वाले विशेषज्ञों ने भी महोत्सव में शिरकत की है।

सरकारी विभागों ने भी लगाई प्रदर्शनी

एक ग्रुप में वर्कशॉप कम लाइव प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने स्टेज पर 10 मिनट में रद्दी कागजों से छह फुट के एक पुरुष का बुत बना दिया, जिसे कुर्सी पर बैठा कर अखबार पढ़ता दिखाया। इसके अलावा विभिन्न शहरों में कचरा निस्तारण क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं शिक्षण संस्थाओं आरडब्ल्यूए और सरकारी विभागों ने अपनी प्रदर्शनी लगाई।

कबाड़ का बेहतर उपयोग 

किसी ने कबाड़ के जुगाड़ से फर्नीचर बनाने का आइडिया दिया। कुछ ने कूड़ेदान से बटोरी बोतलों में गार्डनिंग करना सिखाया। बेकार टायरों का बखूबी उपयोग सिखाया। टायर को रंगीन कर उसमें मिट्टी भर गमले की तरह इस्तेमाल करना सिखाया। उससे बैठने के किए कुर्सी बनाने का आइडिया भी लोगों को दिया। इस अवसर पर मोदीनगर की विधायक मंजू शिवाच, मेयर आशा शर्मा, डीएम एवं जीडीए उपाध्यक्ष रितु माहेश्वरी, एसएसपी वैभव कृष्ण, नगर आयुक्त सीपी सिंह आदि मौजूद रहे।



धारावी बैंड ने बांधा समा

दुनिया में प्रसिद्धि पा चुके मुंबई के धारावी रॉक बैंड की प्रस्तुति महोत्सव में विशेष रही। ये बैंड पानी के प्लास्टिक के ड्रम, पेंट केन, कांच की बोतल, मेटल कैप और डंडियों से बने वाद्य यंत्रों से संगीत की तान छेड़ता है। छह सदस्यीय बैंड में चार ड्रमर और दो रैपर थे। उन्होंने संगीत और रैप की जुगलबंदी कर लोगों को कूड़ा खुले में न फेंकने और भाईचारा बनाए रखने का संदेश दिया। यह बैंड कई युवाओं के लिए प्ररेणा स्रोत बन चुका है। इन्हें देखते हुए ही युवाओं और बच्चों ने कबाड़ की वस्तुओं को वाद्य यंत्रों के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर लिया है।

विशेषज्ञ दे रहे कचरे को रूप देने का ज्ञान

कचरा समाधान महोत्सव में तीन विशेषज्ञ बुलाए गए हैं, जिसमें स्कल्पचर आर्टिस्ट तेजेंद्र सिंह ने लकड़ी, पत्थर, थर्मोकॉल, लोहे, पेपरमेशी से खूबसूरत चीजें बनाना लोगों को सिखाया। 

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