Lockdown in Delhi AGAIN! दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन का एतराज

Lockdown in Delhi AGAIN! अजय माकन ने दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर केंद्र और दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में सभी बाजार एक साथ बंद हों। चुने हुए बाजार बंद करने या लॉकडाउन लगाने से इसका विपरीत असर होगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 18 Nov 2020 08:27 AM (IST) Updated:Wed, 18 Nov 2020 08:27 AM (IST)
Lockdown in Delhi AGAIN! दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन का एतराज
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Lockdown in Delhi AGAIN!  दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कांग्रेस महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने  भी मोर्चा खोल लिया है। मंगलवार को राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर केंद्र और दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में सभी बाजार एक साथ बंद हों। चुने हुए बाजार बंद करने या लॉकडाउन लगाने से इसका विपरीत असर होगा। चुनिंदा बाजारों में लॉकडाउन न लगाएं। ऐसे में लोग एक बाजार से दूसरे बाजार में चले जाएंगे, इसलिए इसका कोई लाभ नहीं होगा।

विपक्ष से भी सलाह ले AAP सरकार

उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा खराब निर्णय हो ही नहीं सकता। मंगलवार को आयोजित डिजिटल पत्रकार वार्ता में माकन ने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन कहते हैं कि दिल्ली कोरोना का चरम देख चुकी है, जबकि यह सरासर गलत है। इसका चरम आना अभी शेष है। सरकार लोगों को भ्रमित न करें। माकन ने सुझाव दिया कि सभी कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम होना चाहिए। मेट्रो चले तो पूरी तरह चले या बिल्कुल नहीं चले। कुछ घंटे मेट्रो चलने से नुकसान होगा कि ज्यादा लोग मेट्रो में यात्रा करेंगे। आम आदमी पार्टी सरकार विपक्ष से भी सलाह ले।

अजय माकन ने कहा कि देश में रोजाना जिन पांच लोगों की कोविड से मृत्यु हो रही है उनमें से एक व्यक्ति दिल्ली का है। इटली, यूके, फ्रांस और ब्राजील से भी ज्यादा कोरोना संक्रमण दर दिल्ली में है। केंद्रीय गृह मंत्री व दिल्ली के मुख्यमंत्री इस स्थिति के लिए बराबर के जिम्मेदार हैं। माकन ने कहा कि डॉ. वीके पॉल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में पंद्रह हजार केस प्रतिदिन होने वाले हैं। यानि 780 केस प्रति मिलियन प्रतिदिन पहुंचने वाले हैं। पॉल ने यह रिपोर्ट अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में दे दी थी। हम जानना चाहते हैं कि अब तक दिल्ली सरकार ने इससे निपटने के लिए क्या तैयारी की है?

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