ईडी और एसीबी अधिकारी के नाम पर ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव ने बताया कि 17 अगस्त को ईडी से पुलिस को एक शिकायत मिली थी। इसमें कहा गया था कि एक गिरोह ईडी और एसीबी के नाम पर ठगी कर रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 27 Aug 2020 10:12 PM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2020 09:37 AM (IST)
ईडी और एसीबी अधिकारी के नाम पर ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार
ईडी और एसीबी अधिकारी के नाम पर ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार

नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अधिकारी के नाम पर ठगी करने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश (यूपी) गाजियाबाद निवासी राहुल सिंह, ग्रेटर नोएडा निवासी नवीन कुमार और दिल्ली के मुस्तफाबाद के रहने वाले जुनैद, दिल्ली छह के सुमित शर्मा और ओल्ड मुस्तफाबाद के मोहम्मद शादाब खान के रूप में हुई है।

गिरोह का मुखिया राहुल सिंह है। पुलिस ने उनके पास से 50 हजार नकद, फर्जी नाम और पते पर खोले गए बैंक खातों और एटीएम कार्ड, लैपटॉप सहित एसीबी और ईडी के फर्जी लेटर और पहचान पत्र इत्यादि बरामद किए हैं।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव ने बताया कि 17 अगस्त को ईडी से पुलिस को एक शिकायत मिली थी। इसमें कहा गया था कि एक गिरोह ईडी और एसीबी के नाम पर ठगी कर रहा है। ठगों द्वारा जारी फर्जी समन भी पुलिस को दिया गया। शिकायत मिलने पर मुकदमा दर्ज पुलिस ने शिकायतकर्ता और अन्य पीड़ित से पूछताछ की। एक शिकायतकर्ता ने पुलिस बतााय कि उन्होंने वर्ष 2013 में अलग-अलग पाॅलिसी में निवेश किया था। कुछ समय पहले उनके मोबाइल नंबर पर पाॅलिसी पर बोनस के रूप में अग्रिम कर देने संबंधी फोन आने शुरू हुए थे। फोन करने वाले खुद को एसीबी और ईडी के अधिकारी बता रहे थे। लिहाजा उन्होंने फोन करने वाले के बताए खाते में 10 लाख 60 हजार रुपए धीरे-धीरे जमा कर दिए। जून 2020 से यह प्रक्रिया शुरू हुई थी। बाद में और रुपये ठगने के मकसद से बदमाशों ने उनके पास ईडी का समन भी भेजा जाए। जब इस संबंध में पीड़ित ने ईडी के अधिकारियों से संपर्क किया तो पता चला कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं।

पुलिस जांच में पता चला कि जिस मोबाइल से पीड़ित के पास फोन आ रहे थे वह नंबर फर्जी नाम-पते खरीदे गए हैं। बैंक खातों का केवाईसी भी नहीं कराया गया था। जिसके बाद इंस्पेक्टर वी.एन.झा की टीम ने मोबाइल नंबरों, बैंक खाते का स्टेटमेंट इत्यादि की तकनीकी जांच शुरू की। इसमें पता चला कि उक्त खातों का संचालन गाजियाबाद कौशांबी से किया जा रहा है। आरोपित रुपये निकालने के लिए अलग-अलग एटीएम बूथ का इस्तेमाल कर रहे थे। लिहाजा बाद में सीडीआर और सीसीटीवी फुटेज के माध्मम से ठग गिरोह के पांचों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि गिरोह का मुखिया राहुल सिंह पहले नोएडा के इंडिया इंफोलाइन नाम की कंपनी में बीमा दलाल के रूप में काम करता है। शादाब और जुनैद भी वहीं काम करते थे, लेकिन किसी काम से कंपनी बंद हो गई और आरोपित ग्राहकों का डाटा चुरा डेटा चुरा लिया था। बाद में वे अन्य साथियों के साथ मिलकर लोगों से ठगी करने लगे थे।

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