Farmer Protest: महिलाओं की अगुवाई में संसद तक मार्च करेंगे आंदोलनकारी, KMP भी करेंगे जाम

Farmer Protest नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने मई महीने में संसद तक पैदल मार्च निकालने की घोषणा की है। पैदल मार्च की तारीख अभी तय नहीं है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा मार्च शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 06:26 PM (IST) Updated:Wed, 31 Mar 2021 08:49 PM (IST)
Farmer Protest: महिलाओं की अगुवाई में संसद तक मार्च करेंगे आंदोलनकारी, KMP भी करेंगे जाम
प्रेस कांफ्रेंस की जानकारी देते संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यः फोटो- जागरण

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है। आंदोलनकारियों ने मई के पहले पखवाड़े में संसद भवन तक पैदल मार्च करने का फैसला लिया है। इसकी अगुवाई महिलाएं करेंगी और सभी बार्डर से एक साथ पैदल दिल्ली के लिए निकलेंगे। कुंडली बार्डर पर बैठक के बाद आंदोलनकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोर्चा के आगामी कार्यक्रमों की घोषणा की है।

मोर्चे के नेताओं ने बताया कि 10 अप्रैल के दिन केएमपी एक्सप्रैस-वे को 24 घंटे के लिए जाम किया जाएगा। इससे पहले पांच अप्रैल को एफसीआइ के देशभर में 736 जिलों में कार्यालय के बाहर 11 बजे से शाम 6 बजे तक प्रदर्शन होगा। आंदोलनकारियों ने बैसाखी पर्व व आंबेडकर जयंती धरनास्थल पर ही मनाने का निर्णय लिया है। आंबेडकर जयंती पर संविधान बचाओ दिवस मनाएंगे। इसी क्रम में एक मई को मजदूर दिवस मनाया जा रहा है। इसके बाद संसद कूच के लिए तारीख तय करके आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।

संसद मार्च में सभी तबके के लोग होंगे शामिल

संसद कूच के आंदोलन में महिलाएं, दलित, आदिवासी, बहुजन, बेरोज़गार युवा और समाज का हर तबका शामिल होगा। इसमें भाग लेने के लिए बार्डर तक लोग अपने वाहनों से पहुंचेंगे और बार्डर से आगे नेताओं की अगुवाई में पैदल दिल्ली कूच होगा। बुधवार को गुरनाम सिंह चढूनी, एडवोकेट प्रेम सिहं भंगू, बूटा सिहं बुर्जगिल, सतनाम सिंह अजनाला, रविंदर कौर, संतोख सिंह, जोगेंद्र नैन व प्रदीप धनखड़ ने जानकारी दी है।

एमएसपी पर किया गुमराह : चढूनी

आदोलनकारी किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर जिस तरह से पुलिस ने किसानों को गुमराह किया था, ऐसा इस बार नहीं होगा। इसके चलते ही पैदल मार्च का निर्णय लिया गया है, ताकि सभी क्रमबद्ध तरीके से चलें। गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट है। बता दें कि आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर और यूपी गेट पर चार महीने से धरना दे रहे है। 

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