भारत दर्शन पार्क की एंट्री फीस को लेकर निगम की घोषणा के बाद मचा घमासान, पढ़िए पूरा मामला

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से पंजाबी बाग में निर्मित भारत दर्शन पार्क की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। यहां पर एंट्री के लिए आम लोगों से सौ रुपये से 160 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 03:26 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 03:27 PM (IST)
भारत दर्शन पार्क की एंट्री फीस को लेकर निगम की घोषणा के बाद मचा घमासान, पढ़िए पूरा मामला
निगम की इस घोषणा के बाद आम लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से पंजाबी बाग में निर्मित भारत दर्शन पार्क की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। यहां पर एंट्री के लिए आम लोगों से सौ रुपये से 160 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। अभी तक सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन मंगलवार को निगम की ओर से की गई एक घोषणा का विरोध शुरू हो गया है। स्थायी समिति के अध्यक्ष कर्नल बी के ओबेराय ने यह घोषणा की कि भारत दर्शन पार्क में जाने के लिए निगम पार्षदों के परिवार को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। निगम की इस घोषणा के बाद आम लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

उनका कहना है कि छूट मिले तो सबको मिले और अगर नहीं मिले तो किसी को नहीं मिले। दोहरी नीति नहीं होनी चाहिए। आम लोगों के लिए शुल्क भी बहुत ज्यादा रखा गया है। सौ रुपये से लेकर 160 रुपये का शुल्क गरीब व्यक्ति वहन नहीं कर सकता है। ऐसे में सभी के लिए निश्शुल्क एंट्री किया जाए। ज्ञात हो कि यहां पर ताजमहल, कुतुबमीनार, गेटवे आफ इंडिया सहित अन्य ऐतिहासिक इमारतों की प्रतिकृतियां कबाड़ से बनाई गई हैं। रात के समय लाइट एंड साउंड के बीच ये प्रतिकृतियां काफी आकर्षक दिखाई देती हैं। लोग निगम के इस पार्क की तारीफ खूब कर रहे हैं। लोग जब वोट मांगने आते हैं तो खुद को आम आदमी बताते हैं, लेकिन जीतने के बाद फैसले लेते वक्त खुद को खास व्यक्ति बताने से परहेज नहीं करते हैं। निगम की यह घोषणा पक्षपातपूर्ण है और इसको वापस लेना चाहिए।  नमिता चौधरी, द्वारका भारत दर्शन पार्क में पूरे भारत की ऐतिहासिक इमारतों की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं। कबाड़ के उपयोग का यह पार्क सुंदरतम उदाहरण है, निगम पार्षदों के परिवारों को छूट मिलने की बात गले नहीं उतर रही है।कमलजीत, तिलक नगर शुल्क के दायरे में सभी लोगों को लाया जाना चाहिए। पार्षद के परिवार को छूट देने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि वह पार्क का प्रचार करेंगे। तो क्या जो लोग शुल्क देकर जाते हैं वे पार्क के बारे में बात नहीं करते हैं।- मारीदास प्रधान निगम की यह घोषणा भेदभाव पूर्ण है। इस पर तुरंत विचार करना चाहिए और पार्षदों के परिवार को मिली छूट को वापस लेना चाहिए। आम और खास के बीच की इस खाई को हटाना चाहिए। ऊषा भाटी, इंद्रा पार्क

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