Terror Funding News: मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने शब्बीर की पत्नी बिलकिस शाह को भी बनाया आरोपित

विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा व राजीव अवस्थी द्वारा दाखिल किए गए पूरक आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने कहा कि बिलकिस ने शाह के साथ असलम वानी से 2.08 करोड़ रुपये लिए थे।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 11:37 AM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 11:37 AM (IST)
Terror Funding News: मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने शब्बीर की पत्नी बिलकिस शाह को भी बनाया आरोपित
Terror Funding News: मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने शब्बीर की पत्नी बिलकिस शाह को भी बनाया आरोपित

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Terror Funding News: वर्ष 2005 के मनी लां¨ड्रग मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा अब उसकी पत्नी डॉ. बिलकिस शाह पर कसने लगा है। पटियाला हाउस कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दाखिल कर ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में बिलकिस शाह को आरोपित बनाया है। ईडी शाह व हवाला ऑपरेटर मोहम्मद असलम वानी के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा दस नवंबर को पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेगी। शाह को ईडी ने 25 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया था। शब्बीर शाह पर आतंकवाद के लिए टेरर फंडिंग करने का आरोप है।

विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा व राजीव अवस्थी द्वारा दाखिल किए गए पूरक आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने कहा कि बिलकिस ने शाह के साथ असलम वानी से 2.08 करोड़ रुपये लिए थे। ईडी ने वानी द्वारा किए गए रहस्योदघाटन के तहत दावा किया कि सभी रुपये शब्बीर शाह और तीन मौके पर बिलकिस को दिए गए। ईडी ने कहा कि यह जानते हुए भी शाह की आय का कोई स्त्रोत नहीं है तब भी बिलकिस ने रुपये लिए थे। ऐसे में यह स्पष्ट है कि बिलकिस शाह अपने पति के अवैध आपराधिक कार्यों में सक्रिय थीं।

एजेंसी ने आरोप पत्र में कहा है कि उक्त रुपयों का इस्तेमाल बिलकिस घर चलाने से लेकर बेटी की शिक्षा व अन्य आर्थिक निवेश में करती थीं। और इससे यह साबित होता है कि इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें रुपये की जरूरत पड़ती थी। शाह व बिलकिस पाकिस्तान के रास्ते हवाला के माध्यम से आने वाले रुपये को इस्तेमाल चल और अचल संपत्ति व अपनी जरूरतों को पूरा करने पर करते थे।

ईडी ने बिलकिस को मनी लांड्रिंग की धारा-3 के तहत आरोपित बनाया है, क्योंकि वह प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से आपराधिक गतिविधियों में शामिल थी। ईडी ने पूरक आरोप पत्र में कहा कि शाह को आरोप पत्र में मुख्य आरोपित बनाया गया है क्योंकि उसी ने देश के बाहर से मनी लां¨ड्रग के माध्यम से अवैध रुपया लाने और जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने का षडयंत्र रचा था।

ईडी ने कहा कि शाह सीधे तौर पर जमात-उद-दावा का मुखिया व आतंकी हाफिज सईद के संपर्क में था। इसके अलावा पाकिस्तान का निवासी मोहम्मद शाफी शायर के भी शाह नियमित संपर्क में था। शाफी का नंबर मोहम्मद असलम वानी ने उपलब्ध ने ही शब्बीर को उपलब्ध कराया था ताकि उसकी जगह पर दिल्ली में वह अपराध का रुपया वसूल सके।

असलम वानी हवाला के माध्यम से पाकिस्तान से आने वाले रुपये की दिल्ली में वसूली करता था और शब्बीर की मदद से सीधे श्रीनगर लेकर आता था। इसके बदले वानी को शाह कमीशन व खर्च भी देता था।इससे पहले ईडी द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में शाह व असलम वानी को आरोपित बनाया गया था।

ईडी ने आरोप है कि शाह ने ही वानी को हवाला के रुपयों को दिल्ली में वसूल कर श्रीनगर लाने का काम करने को कहा था। अगस्त 2005 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वानी को गिरफ्तार किया था और उसके पास से 62.96 लाख रुपये नकद बरामद किया था। इसके अलावा उसके पास से पांच किलो विस्फोटक, एक पिस्टल व 15 कारतूस भी बरामद किया गया था। वानी ने दावा किया है कि उसने शाह को श्रीनगर में 53.96 लाख रुपये दिए थे। उसने यह भी बयान दिया है कि शाह पाकिस्तान समेत अन्य हवाला ऑपरेटर्स को दिल्ली में रुपये देने का निर्देश देता था। वानी ने दावा किया था उसने शब्बीर को 2.25 करोड़ रुपये दिए थे, जिसके बाद ईडी ने मनी लां¨ड्रग का मामला दर्ज वर्ष 2007 में किया था। 

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