भारत में 8 यहूदी परिवारों को देख इजरायली PM हुए भावुक, जानिये क्‍या कहा

मालेकर मुस्कुराकर कहते हैं कि दिल में इजरायल जरूर है, लेकिन शरीर में भारत का खून दौड़ रहा है। उन्हें इस मिट्टी से प्यार है और वह यहीं दम तोड़ेंगे।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 18 Jan 2018 12:26 PM (IST) Updated:Fri, 19 Jan 2018 09:16 AM (IST)
भारत में 8 यहूदी परिवारों को देख इजरायली PM हुए भावुक, जानिये क्‍या कहा
भारत में 8 यहूदी परिवारों को देख इजरायली PM हुए भावुक, जानिये क्‍या कहा

नई दिल्ली (नेमिष हेमंत)। भारत की यात्रा पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू उस वक्‍त भावुक हो गए, जब दिल्‍ली में बसे आठ आठ यहूदी परिवार उनसे मिलने पहुंचे। तब वह अपने आप को नहीं रोक सके और अपने उद्गार व्‍यक्‍त कर बैठै। आखिर उस वक्‍त नेतन्याहू ने ऐसा क्‍या कहा, जिसमें दोनों देशों के रिश्‍तों को नया आयाम दिया।  

दिल्ली से जुड़ी हैं आठ यहूदी परिवारों की जड़ें

इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत और इजरायल के रिश्ते आसमान में बने हैं। यह बात कुछ हद तक सही है, क्योंकि दिल्ली के दिल में इजरायल बसता है तो शरीर में भारत का खून दौड़ता है। बात हो रही है दिल्ली में रह रहे उन आठ यहूदी परिवारों की जिनकी जड़ें इजरायल से जुड़ी हैं, लेकिन वे पूरी तरह भारतीय हैं। उनका यहां प्रार्थना स्थल (सिनेगॉग) और कब्रगाह भी है।

इजरायली पीएम की भारत यात्रा से आई रिश्तों में गर्माहट

बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा से इजरायल और भारत के रिश्तों की डोर में बढ़ रही मजबूती से ये परिवार खुश हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री को भारत में जिस तरह प्यार और सत्कार मिल रहा है, इससे ये परिवार चकित नहीं हैं। ये जानते हैं कि भारत के लोग वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखते हैं।

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भारत में कभी बाहरी महसूस नहीं किया यहूदियों ने

उन्होंने भी यहां कभी भी बाहरी जैसा महसूस नहीं किया। हुमायूं रोड स्थित यहूदी प्रार्थना स्थल के प्रीस्ट (धर्माचार्य) व दिल्ली में यहूदी वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव इङिाकेल आइजेक मालेकर बताते हैं कि दिल्ली में यहूदी परिवार करीब 90 सालों से रह रहे हैं। वे 200 साल पहले भारत आए बेने इजरायल समूह के वंश से हैं।

दिल्ली को देश की राजधानी बनाने आए थे, फिर यहीं बस गए

कहा जाता है कि जब अंग्रेज दिल्ली को राजधानी बनाने आए तब वे उनके साथ यहां आकर बस गए। बाद में एक कब्रगाह भी अस्तित्व में आई तो वर्ष 1956 में यहूदियों के सहयोग से यहूदी प्रार्थना स्थल का निर्माण हुआ। यह उत्तर भारत में यहूदियों का अकेला प्रार्थना स्थल है, जहां हर शनिवार पवित्र ग्रंथ तोरा का पाठ होता है।

यहां पर चलती है हिब्रू भाषा की क्लास

इस दिन यहूदी समुदाय जुटता है। इस मंदिर में इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री शिमोन पेरेस भी आ चुके हैं। यहां इजरायल के राजनयिक भी आते हैं। मंदिर के पीछे ही पुस्तकालय भी है। इसमें यहूदी व इजरायल के अलावा भारत के इतिहास और धर्म पर प्रकाश डालती काफी पुस्तकें हैं। खास बात कि इसमें हिब्रू भाषा की कक्षा भी चलती है, जिसे सीखने में भारतीय भी रुचि दिखाते हैं। 

दिल्ली में कारोबार भी करते हैं कुछ इजारयली परिवार

हां रहने वाले यहूदी परिवारों की जड़ें इजरायल से जुड़ी हुई हैं। इझिकेल आइजेक मालेकर की मां और तीन बहनें इजरायल में ही हैं। मालेकर उनसे मिलने इजरायल जाते हैं। दिल्ली के यहूदी परिवार के काफी लोग विभिन्न मंत्रालयों में नौकरी करते हैं तो कुछ का अपना कारोबार भी है।

जनरल जैकब ने वर्ष 1971 में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। उन्होंने पाकिस्तान को घुटनों पर लाते हुए बांग्लादेश को आजाद कराया। यहूदी कब्रगाह में उनकी भी कब्र है।

इजरायल जाने के सवाल पर मालेकर मुस्कुराकर कहते हैं कि दिल में इजरायल जरूर है, लेकिन शरीर में भारत का खून दौड़ रहा है। उन्हें इस मिट्टी से प्यार है और वह यहीं दम तोड़ेंगे।

भारत-इजरायल के रिश्ते आसमान में बने हैंः PM नेतन्याहू

यहां पर बता दें कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने अपनी भारत यात्रा के चौथे दिन बृहस्पतिवार को सबसे पहले मुंबई में वहां के बड़े उद्यमियों से मुलाकात की। मुंबई के ताज होटल में आयोजित भारत-इजरायल व्यावसायिक सम्मेलन के दौरान नेतन्याहू ने कहा कि भारत और इजरायल का संबंध अप्रत्याशित ऊंचाई पर पहुंच रहा है और दोनों के बीच असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह शानदार दोस्ती की एक शुरूआत भर है।
उन्होंने कहा कि भारत और इजरायल ये दो ऐसे लोकतंत्र हैं जो स्वतंत्रता से प्रेम करते हैं और इन दोनों की जोड़ी स्वर्ग में बनी है।

कही भारत को साथ लेने की बात

नेतन्याहू ने कहा कि हम इस्राइल में भविष्य का निर्माण कर रहे हैं, आप भारत में भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। एक साथ हो कर आप वहां ज्यादा जल्दी पहुंचोगे और काफी आगे पहुंचोगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार का और मेरी अपनी सरकार का काम आपको प्रतिस्पर्धात्मक लाभ तथा नवोन्मेष की क्षमता को अवसर देना है।

उन्होंने कहा कि मैं खासकर 14 वर्ष के युवा से बेहद प्रभावित था। वह एक स्लमडॉग मिलेनायर था। उसने ड्रोन बनाया है जो आसमान में जाकर लैंडमाइंस को पहचानता है। इससे हमारी जान बचती है।

इस सम्मलेन में शीर्ष व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां अजय परिमल, राहुल बजाज, आदी गोदरेज, हर्ष गोयंका, आनंद महिंद्रा, दिलीप सांघवी, अशोक हिन्दुजा, अतुल पुंज और चंदा कोचर शामिल थीं।

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