ईडी के पास नहीं मनी लांड्रिंग के अलावा किसी अन्य अपराध की जांच करने की शक्तियां, दिल्ली HC की टिप्पणी

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ईडी अपराधों की जांच या पूछताछ करने की शक्ति का हनन नहीं कर सकता है। अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी मामले में ईडी अपने स्वयं के प्रस्ताव पर इस अनुमान पर आगे नहीं बढ़ सकता है।

By Vineet TripathiEdited By: Publish:Wed, 25 Jan 2023 12:00 PM (IST) Updated:Wed, 25 Jan 2023 12:00 PM (IST)
ईडी के पास नहीं मनी लांड्रिंग के अलावा किसी अन्य अपराध की जांच करने की शक्तियां, दिल्ली HC की टिप्पणी
ईडी के पास नहीं मनी लांड्रिंग के अलावा किसी अन्य अपराध की जांच करने की शक्तियां

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर (पीएओ) को चुनौती देने वाली प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड और प्रकाश थर्मा पावर लिमिटेड नाम की फर्मों द्वारा दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने माना कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास मनी लांड्रिंग के अलावा किसी अन्य अपराध की जांच करने की शक्तियां नहीं हैं और एजेंसी स्वयं यह नहीं मान सकती है कि एक विधेय अपराध किया गया है।

"ED की मनी लांड्रिंग के अपराध तक ही सीमित"

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की एकल पीठ ने कहा कि इस बात पर जोर देने की आवश्यकता है कि पीएमएलए ईडी को केवल धारा-तीन अपराधों की जांच करने का अधिकार देता है। इसकी जांच और पूछताछ करने की शक्ति उस धारा में परिभाषित मनी लांड्रिंग के अपराध तक ही सीमित है।

अदालत ने कहा कि ईडी अपराधों की जांच या पूछताछ करने की शक्ति का हनन नहीं कर सकता है। अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी मामले में ईडी अपने स्वयं के प्रस्ताव पर इस अनुमान पर आगे नहीं बढ़ सकता है कि तथ्यों का एक विशेष सेट एक अनुसूचित अपराध का सुबूत है और उस राय के आधार पर पीएमएलए के तहत कार्रवाई शुरू करता है।

अगर, जांच के दौरान ईडी इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि उसके कब्जे में मौजूद सामग्री किसी अन्य कानून के तहत किए गए अपराध को दर्शाती है, तो वह संबंधित एजेंसी को आवश्यक कार्यवाही के लिए जानकारी प्रस्तुत करने को बाध्य होगी।

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