दिल्ली: उल्लास व भावुकता के माहौल में भक्तों ने मां दुर्गा को दी विदाई

महिलाओ ने मां की मूर्ति को सिंदूर लगाया, जिसके बाद महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया। इस रस्म को सिंदूर खेला की संज्ञा दी जाती है।

By Amit MishraEdited By: Publish:Sat, 30 Sep 2017 07:52 PM (IST) Updated:Sat, 30 Sep 2017 08:33 PM (IST)
दिल्ली: उल्लास व भावुकता के माहौल में भक्तों ने मां दुर्गा को दी विदाई
दिल्ली: उल्लास व भावुकता के माहौल में भक्तों ने मां दुर्गा को दी विदाई

नई दिल्ली [जेएनएन]। विजयादशमी के दिन जगह-जगह मां दुर्गा की प्रतिमा का धार्मिक विधि-विधान के साथ विसर्जन किया गया। इस अवसर पर लोगों ने उल्लास और भावुकता से भरे मिले-जुले माहौल में मां दुर्गा को विदाई दी। विसर्जन के समय पूजन स्थल और आसपास के क्षेत्र रंग और गुलाल से रंगे दिखाई दे रहे थे। इस दौरान महिलाओं का सिंदूर खेला विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया।

सिंदूर खेला

जगह-जगह पूजा पंडालों में विजयादशमी के दिन सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। हर कोई मां दुर्गा के विसर्जन समारोह का हिस्सा बनना चाहता था। सुबह पुष्पांजलि अर्पण के बाद द्वारका में आयोजित हो रहे विभिन्न पूजन समारोह में मां की मूर्ति के नीचे पानी में दर्पण रखकर मां का दर्शन किया गया। इसे दर्पण दर्शन कहा जाता है। इसके बाद महिलाओ ने मां की मूर्ति को सिंदूर लगाया, जिसके बाद महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया। इस रस्म को सिंदूर खेला की संज्ञा दी जाती है। महिलाओं ने बड़े उल्लास के साथ एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान महिलाएं एक साथ झूमती गाती नजर आईं।

विसर्जन के समय भावुक हो उठे लोग

बिहार लोकमंच के तत्वावधान में जनकपुरी पोशंगीपुर में आयोजित हो रहे दुर्गापूजा उत्सव के अंतिम दिन कई लोग मूर्ति विसर्जन के समय भावुक हो उठे। कई लोग विसर्जन के समय मां दुर्गा के जयकारे लगा रहे थे। महिलाओ ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर मां को विदा किया। इसी तरह दुर्गा पूजा समिति राणाजी एंक्लेव के तत्वावधान में आयोजित हो रहे दुर्गा पूजा समारोह का समापन मूर्ति विसर्जन के साथ हो गया। सुबह अपराजिता पूजन के साथ शुरू हुई पूजा का समापन शोभा यात्रा से हुआ। इस दौरान हजारों लोग शोभा यात्रा में शामिल हुए और मां के जयकारे में नारे लगाए। पश्चिम दिल्ली कालीबाड़ी में आयोजित दुर्गा पूजा समारोह में विसर्जन यात्रा के दौरान काफी संख्या में लोग शामिल हुए।

सड़क पर चलता रहा नाच-गान का दौर 

मूर्ति विसर्जन के लिए श्रद्धालुओं के जत्थे गाड़ियों पर सवार होकर गाजे-बाजे के साथ जा रहे थे। सड़कों पर एक दूसरे के गालों पर लोग गुलाल लगा रहे थे। वहीं कई लोग नाचते गाते दिखे। यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहा।

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