देश में पहली बार: दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर काम करेगा AI, जानिए किस तरह यात्रियों और प्रबंधन का काम होगा आसान

Delhi Airport देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ व वाहनों की आवाजाही के प्रबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद ली जाएगी। स्मार्ट एयरपोर्ट सिटी प्रोजेक्ट नामक अपनी तरह की देश के किसी भी एयरपोर्ट पर लागू होने वाली पहली परियोजना के प्रथम चरण में मदद का दायरा केवल एयरपोर्ट टर्मिनल के लैंड साइड एरिया में होगा।

By Gautam Kumar Mishra Edited By: Geetarjun Publish:Tue, 27 Feb 2024 12:11 AM (IST) Updated:Tue, 27 Feb 2024 12:11 AM (IST)
देश में पहली बार: दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर काम करेगा AI, जानिए किस तरह यात्रियों और प्रबंधन का काम होगा आसान
आईजीआई एयरपोर्ट का टर्मिनल 3 (फाइल फोटो)।

HighLights

  • आईजीआई एयरपोर्ट पर लागू की जा रही स्मार्ट एयरपोर्ट सिटी प्रोजेक्ट।
  • भीड़, वाहनों की आवाजाही, ट्रॉली, बग्गी के प्रबंधन में होगी डायल को होगी काफी सहूलियत।
  • अपनी तरह की देश के किसी भी एयरपोर्ट पर लागू होने वाला यह पहला प्रोजेक्ट।
  • प्रोजेक्ट के शुरुआती दौर में उपलब्ध कैमरे व सेंसर से लिया जाएगा कार्य, बाद में लगेंगे 600 अतिरिक्त कैमरे।

गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ व वाहनों की आवाजाही के प्रबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद ली जाएगी। स्मार्ट एयरपोर्ट सिटी प्रोजेक्ट नामक अपनी तरह की देश के किसी भी एयरपोर्ट पर लागू होने वाली पहली परियोजना के प्रथम चरण में मदद का दायरा केवल एयरपोर्ट टर्मिनल के लैंड साइड एरिया में होगा।

प्रोजेक्ट एयरपोर्ट पर लागू हो, इससे पहले प्रायोगिक तौर पर तीन महीने इसका परीक्षण एयरपोर्ट से सटे एयरोसिटी में किया गया। नतीजे काफी संतोषजक मिले, जिसके बाद अब आईजीआी एयरपोर्ट (IGI Airport Terminal) के तीनों टर्मिनल पर इसे लागू करने की तैयारी चल रही है।

वीडियो एनालिटिक्स ट्रैफिक मैनेजमेंट से होगा भीड़, यातायात व पार्किंग का प्रबंधन

एयरपोर्ट के फोरकोर्ट एरिया में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज का विश्लेषण एआई खुद करेगा। फुटेज के आधार पर कंट्रोल रूम को उन स्थानों की जानकारी मिलेगी, जहां वाहनों की आवाजाही अधिक है। यदि किसी एक स्थान पर वाहनों की संख्या काफी अधिक है और वह काफी देर से स्थिर है, तो एआई कंट्रोल रूम को तत्काल इसकी जानकारी देगा।

यदि कोई अपना वाहन गलत साइड दौड़ा रहा है तो इसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूप को मिलेगी। प्रोजेक्ट की जानकारी रखने वाले ने बताया कि जैसे-जैसे एआई के पास आंकड़े आते जाएंगे, इसका विश्लेषण व जरूरी सूचनाओं का तत्काल संप्रेषण उतना सटीक होता जाएगा।

बहुत कारगर होगा एआई

उदाहरण के लिए एक महीने के आंकड़े का एआई खुद विश्लेषण करके यह बता देगा कि आने वाले घंटे में इस जगह पर इतने वाहनों के इकट्ठे होने की संभावना है। या किस उड़ान के आने पर यात्रियों व इन्हें रिसीव करने वालों की सर्वाधिक भीड़ फोरकोर्ट के अराइवल एरिया में एकत्रित होती है।

यात्री किस गेट का आगमन व निकास के लिए इस्तेमाल करना सर्वाधिक पसंद करते हैं। फोरकोर्ट एरिया में कोई अवांछित तत्व यदि इसे नजर आएगा तो इसके लिए कंट्रोल रूम को यह अलार्मिंग संदेश भेजेगा।

प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी का कहना है कि एआई से मिली जानकारी के आधार पर कहां और कब कितने स्टाफ की जरूरत है, इसका हमें सटीक पता चलता रहेगा। अभी ऐसा नहीं है। अभी यह सारा कार्य मानव संसाधन के बूते होता है। कई बार हमें सूचनाएं विलंब से मिलती है और तब तक स्थिति काफी बुरी हो चुकी होती है।

कहां कितने ट्रॉली की जरूरत, इसकी सटीक जानकारी मिलेगी

अभी एयरपोर्ट पर आपको कहीं ट्रॉली की भरमार मिलेगी तो कहीं कई लोग आपको ट्रॉली ढूंढते मिलेंगे। लेकिन आने वाले सयम में कब कहां कितने ट्रॉली की जरूरत है, इसकी जानकारी कंट्रोल रूप में एआई पहुंचाएगा। कैमरे के फुटेज के विश्लेषण से अलग अलग स्थानों पर यात्रियों की भीड़ का पता कर यह खुद तय करेगा कि यहां इतने ट्रॉली की जरूरत है। इसी तरह किस जगह कितने ट्रॉली खाली हैं और वहां कितने की जरूरत है और शेष ट्रॉली को कहां पहुंचाया जाए, इस जानकारी से कंट्रोल रूम को एआई अवगत कराएगा।

बग्गी मिलने में होगी आसानी

अभी जैसे आप एप बेस्ड कैब बुक करते हैं और आपको बुक किए गए कैब की सटीक लोकेशन, कितने समय में कैब आपके पास आएगी, ठीक उसी तरह आने वाले समय में एआई की मदद से आपको बग्गी उपलब्ध कराया जाएगा। यहां आपको स्मार्ट फोन में एप डाउनलोड करने के बजाय केवल बोर्डिंग पास स्कैन करने की जरूरत होगी।

पहले चरण में सीमित कैमरे से ही चलाया जाएगा काम

एआई पूरी क्षमता से कार्य करें इसके लिए जरूरी है कि उसके पास पर्याप्त सूचनाओं का प्रवाह लगातार होता रहे। इस कार्य के लिए वर्तमान कैमरे के अलावा करीब 600 कैमरे लगाने की और जरूरत है। लेकिन अभी उपलब्ध संसाधन से ही कार्य लिया जाएगा।

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