Indian Railways: दिल्ली से बनारस की दूरी तीन घंटे में होगी तय, बुलेट ट्रेन चलाने की दिशा में काम शुरू

दिल्ली-बनारस के बीच प्रस्तावित हाई स्पीड कोरिडोर उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा। यह परियोजना नोएडा मथुरा आगरा अयोध्या लखनऊ प्रयागराज और वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण शहरों को दिल्ली से जोड़ेगी। कारिडोर पर कुल 12 स्टेशन बनने हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 08:35 PM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 07:15 AM (IST)
Indian Railways: दिल्ली से बनारस की दूरी तीन घंटे में होगी तय, बुलेट ट्रेन चलाने की दिशा में काम शुरू
उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा कारिडोर

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली और बनारस के बीच बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है। इस दिशा में काम शुरू हो गया है। जमीनी सर्वेक्षण का काम पूरा करने के बाद अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार किया जा रहा है। कोरोना महामारी की वजह से इस काम में थोड़ी बाधा आई है, बावजूद इसके अगस्त तक डीपीआर रेल मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद परियोजना को धरातल पर लाने के लिए भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। मथुरा, अयोध्या व प्रयागराज जैसे धार्मिक शहर इस परियोजना से जुड़ेंगे जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

लिडार तकनीक से किया गया सर्वेक्षण

नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) जमीनी सर्वेक्षण के लिए लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) तकनीक का प्रयोग किया है। इस तकनीक में लेजर बीम वाले उपकऱणों से सुसज्जित हेलिकाप्टर का प्रयोग किया जाता है। अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल कारिडोर के के बाद दिल्ली-बनारस हाई स्पीड रेल कारिडोर के सर्वेक्षण में इस आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है। दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में सर्वेक्षण का काम शुरू किया गया था और लगभग दो माह में यह पूरा कर लिया गया। इससे प्राप्त आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

रिपोर्ट में होगी परियोजना की पूरी जानकारी

सर्वेक्षण के अनुरूप रेल परियोजना का पूरा खाका तैयार किया जाता है, इसलिए यह काम बहुत महत्वपूर्ण और चुनौती भरा होता है। इससे प्रस्तावित रेल ट्रैक और उसके आसपास के क्षेत्र का सही विवरण जुटाया जाता है। भूगोलिक स्थिति, जमीन की प्रकृति, दो महत्वपूर्ण स्थानों के बीच की दूरी आदि के आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। इसी के आधार पर परियोजना के लिए जमीन की आवश्यकता का पता चलता है। इसके साथ ही संरचना की बनावट, रेलवे स्टेशन, लोको डिपो सहित अन्य महत्वपूर्ण निर्माण के लिए स्थान चिह्नित किए जाते हैं। इसी तरह से अन्य जरूरी फैसले सर्वेक्षण से मिली जानकारी के आधार पर लिए जाते हैं। एनएचएसआरसीएल के विशेषज्ञ लिडार सर्वे से मिले आंकड़ों के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना ड्राफ्ट रिपोर्ट रेल मंत्रालय को दे दी गई है। अब जल्द डीपीआर भी सौंप दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा कारिडोर

दिल्ली-बनारस के बीच प्रस्तावित हाई स्पीड कोरिडोर उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा। यह परियोजना नोएडा, मथुरा, आगरा, अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण शहरों को दिल्ली से जोड़ेगी। कारिडोर पर कुल 12 स्टेशन बनने हैं।

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पर्यावरण अनुकूल होगा निर्माण

न सिर्फ बुलेट ट्रेन के लिए बनने वाले स्टेशन बल्कि पूरे कारिडोर के निर्माण में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। स्टेशनों पर पार्क बनाए जाएंगे। इसके साथ ही कारिडोर के किनारे भी छायादार पेड़ लगाए जाएंगे।

तीन घंटे में तय होगी दूरी

बुलेट ट्रेन तीन सौ किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से चलेगी और इससे लगभग साढ़े आठ सौ किलोमीटर की दूरी तीन घंटे से भी कम समय में तय होगी।

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