रिश्तेदार ने मदद के नाम पर नाबालिग से किया दुष्कर्म, गिरफ्तार

जैतपुर इलाके में नाबालिग लड़की के पिता की मौत के बाद मदद के बहाने उसका रिश्तेदार ही दुष्कर्म करने लगा। पीड़िता ने अपनी मां को पूरी बात बताई तो मां ने जैतपुर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sun, 23 Jan 2022 10:19 AM (IST) Updated:Sun, 23 Jan 2022 10:19 AM (IST)
रिश्तेदार ने मदद के नाम पर नाबालिग से किया दुष्कर्म, गिरफ्तार
तब से वह धमकी देकर उससे दुष्कर्म करता रहा, जबकि डर से पीड़िता सब कुछ सहती रही।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जैतपुर इलाके में नाबालिग लड़की के पिता की मौत के बाद मदद के बहाने उसका रिश्तेदार ही दुष्कर्म करने लगा। पीड़िता ने अपनी मां को पूरी बात बताई तो मां ने जैतपुर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, 16 वर्षीय पीड़िता परिवार के साथ जैतपुर इलाके में रहती है।

वहीं, आरोपित युवक बदरपुर में रहता है। पीड़िता के पिता की वर्ष 2016 में मौत हो गई थी। इसके बाद आरोपित युवक उसके घर आने-जाने लगा और पीड़िता तथा उसकी मां की मदद करने लगा। आरोप है कि एक दिन पीड़िता की मां घर पर नहीं थी तो आरोपित ने उससे दुष्कर्म किया। उसने उसका वीडियो भी बना लिया और धमकी दी कि मां या पुलिस से शिकायत की तो वीडियो वायरल कर देगा। तब से वह धमकी देकर उससे दुष्कर्म करता रहा, जबकि डर से पीड़िता सब कुछ सहती रही।

15 जनवरी को भी आरोपित पीड़िता के घर आया और दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसने पीड़िता से मारपीट भी की। घर लौटने पर मां ने चोट का कारण पूछा तो पीड़िता ने पूरी बात बता दी। इस पर मां ने जैतपुर थाने में पाक्सो समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करवा दिया। वहीं, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून, संयुक्त सचिव मोहम्मद दानिश दोलन और लता सरन पर कोरोना नियमों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया है।

दरअसल, जेएनयू की पीएचडी छात्र से कैंपस के अंदर हुई छेड़छाड़ और लूट के आरोपित की गिरफ्तारी की मांग पर इन लोगों ने शुक्रवार को प्रदर्शन और पैदल मार्च किया था। इसमें कोरोना दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया था। इसकी शिकायत मिलने के बाद वसंत कुंज साउथ थाना पुलिस ने तीन छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बताया जाता है कि प्रदर्शन और पैदल मार्च के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं किया गया, जबकि कुछ लोगों ने मास्क भी नहीं पहना था।

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