CCTV और सादे वर्दी में खुद के साथियों पर पहरा, वकील विवाद के बाद किस बात से डरी है पुलिस

प्यारे लाल भवन के चारों तरफ वर्दी व सिविल ड्रेस में पुलिस अधिकारी तैनात कर दिए गए। पुलिस अधिकारी व आइबी के अधिकारी बैठक में शामिल होने आने वाले हर शख्स पर पैनी नजर रखने लगे।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 13 Jan 2020 08:02 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 08:54 PM (IST)
CCTV और सादे वर्दी में खुद के साथियों पर पहरा, वकील विवाद के बाद किस बात से डरी है पुलिस
CCTV और सादे वर्दी में खुद के साथियों पर पहरा, वकील विवाद के बाद किस बात से डरी है पुलिस

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गत दिनों तीस हजारी कोर्ट में पुलिसकर्मियों व वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प, मारपीट व आगजनी की घटना के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा पुलिस मुख्यालय के बाहर अपने ही मुखिया के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किए जाने के बाद बने दिल्ली पुलिस महासंघ द्वारा रविवार को आइटीओ स्थित प्यारे लाल भवन के ऑडिटोरियम में पहली बैठक हुई। पहले यह बैठक दिल्ली पुलिस के आफिसर्स मेस में होनी थी, लेकिन वहां विभाग द्वारा अनुमति न मिलने पर प्यारेलाल भवन में हुई। बैठक बेहद अनुशासित तरीके से हुई। अभी इस महासंघ से केवल सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी ही जुड़ रहे हैं। लेकिन, भविष्य में इससे सेवारत कर्मचारी भी जुड़ सकते हैं।

दिल्‍ली पुलिस और आइबी को है डर

दिल्ली पुलिस व आइबी को डर था कि बैठक में कहीं बड़ी संख्या में सर्विग कर्मचारी न शामिल हो जाएं। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सुबह ही प्यारेलाल भवन के प्रवेश द्वार पर छह बड़े-बड़े सीसीटीवी कैमरे लगा दिए थे। बड़ी संख्या में मध्य जिला के सभी एसीपी व इंस्पेक्टरों की तैनाती कर दी गई। गार्ड रूम को सीसीटीवी कैमरे के लिए अस्थायी कंट्रोल रूम बना दिया गया।

सादी वर्दी में पुलिस का पहरा

प्यारे लाल भवन के चारों तरफ वर्दी व सिविल ड्रेस में पुलिस अधिकारी तैनात कर दिए गए। पुलिस अधिकारी व आइबी के अधिकारी बैठक में शामिल होने आने वाले हर शख्स पर पैनी नजर रखने लगे। पुलिसकर्मियों की तैनाती व प्रवेश द्वार पर बड़े-बड़े कैमरे लगाने की जानकारी सेवारत पुलिसकर्मियों को मिल गई, जिससे वे नहीं पहुंचे। बैठक में करीब 200 की संख्या में सेवानिवृत्त कर्मचारी ही शामिल हुए। जिनमें पूर्व एएसआइ से एसीपी तक सेवानिवृत्त कर्मचारी थे।

इन्‍होंने संभाली जिम्‍मेदारी

इस महासंघ के संयोजक सेवानिवृत्त वरिष्ठ आइपीएस करनैल सिंह हैं जो कुछ महीने पहले ईडी के डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। सेवानिवृत्त एसीपी वेद भूषण को महासंघ का अध्यक्ष बनाया गया है। बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि महासंघ का गठन बहुत ही सोच समझ कर तब किया गया है जब सेवारत पुलिसकर्मियों के हितों को कुचला जाने लगा।

टकराव की कोई नीति नहीं

पदाधिकारियों ने कहा कि गत दिनों पुलिस मुख्यालय पर पहुंचकर अपने हितों की रक्षा के लिए पुलिसकर्मियों ने जिस तरह से प्रदर्शन किया अगर महासंघ बना होता तो अनुशासित तरीके से प्रदर्शन नहीं होता। वेद भूषण ने कहा कि महासंघ के गठन का मकसद टकराव की कोई नीति नहीं है। सेवारत पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के हितों का हनन महासंघ बर्दाश्त नहीं करेगा। पुलिस की नौकरी कितनी कठिन है यह खुद पुलिसकर्मी व उनके परिवार के लोग ही समझ सकते हैं। लेकिन, हर कोई पुलिस पर ही अपना रौब झाड़ देता है।

पुलिस का मजाक बनाने की कोशिश की तो होगा विरोध

फिल्मों में पुलिस को मजाक बनाया जाता है। अब अगर किसी फिल्म में दिल्ली पुलिस को मजाक बनाने की कोशिश करेगा तो महासंघ उसक कड़ा विरोध करेगा। पुलिस वेलफेयर स्कीम को लेकर उन्होंने कहा कि यह दिल्ली पुलिस से खत्म हो गया है। पुलिसकर्मियों को 15 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है। इसके लिए भी महासंघ भविष्य में आवाज उठाएगा।

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