Delhi AAP vs BJP: दिल्ली के मेयर चुनाव को लेकर शांत नहीं बैठेगी आप, ये है पार्टी की पहली रणनीति
Delhi Mayor महापौर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप AAP) शांत नहीं बैठेगी। पार्टी की रणनीति निगम सदन में निगम पार्षदों से पहले एल्डरमैन को शपथ नहीं दिलाने देना है। पार्टी निगम सदन में इसका कड़ा विरोध करेगी।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। महापौर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप, AAP) शांत नहीं बैठेगी। पार्टी की रणनीति निगम सदन में निगम पार्षदों से पहले एल्डरमैन को शपथ नहीं दिलाने देना है। पार्टी निगम सदन में इसका कड़ा विरोध करेगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि आप इसी आश्वासन पर मान सकती है, जब पीठासीन अधिकारी सदन में इस बात की गारंटी दें कि वे पार्षदों को पहले शपथ कराएंगी और एल्डरमैन को सदन में वोटिंग नहीं कराएंगी।
आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसा न किए जाने तक आप का विरोध जारी रहेगा, उन्होंने कहा कि अगर एलजी द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी ऐसा नहीं करती हैं तो हमारा विरोध जारी रहेगा और वे किसी भी स्थिति में सदन नहीं चलने देंगे।
क्या हुआ था पिछली बार
आम आदमी पार्टी ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर सवाल किया है, जब पिछले एलजी अनिल बैजल ने नगर निगम में सबसे वरिष्ठ मुकेश गोयल को प्रोटेम पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जबकि उस समय उनकी पार्टी सत्ता में भी नहीं थी। यही निगम की परम्परा रही है कि सबसे वरिष्ठ पार्षद को पोटेम पीठासीन अधिकारी बनाया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि अब वर्तमान एलजी जिस तरह से मामलों को उलझा रहे हैं, उसमें वे लोग उलझने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह तो सरासर दादागिरी हो गई है कि निगम में बहुमत हमारा है और निगम को भाजपा अपनी तरह से चला रही है।
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उन्होंने कहा कि भाजपा को जनता के फैसले को स्वीकार कर लेना चाहिए। यहां बता दें कि नगर निगम में आम आदमी पार्टी के 250 में से 234 सदस्य हैं, जबकि भाजपा के 105 सदस्य हैं। इसमें एक निर्दलीय पार्षद भी शामिल है। उधर कांग्रेस के नौ पार्षद हैं। इनके अलावा दो पार्षद निर्दलीय हैं।