सीएम अरविंद केजरीवाल आवास पर तोड़फोड़ मामले में सीलबंद लिफाफे में पेश करें रिपोर्ट : दिल्ली हाई कोर्ट

आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुए हमले और तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है और एसआइटी गठित कर जांच की मांग की है।

By Vineet TripathiEdited By: Publish:Fri, 01 Apr 2022 11:25 AM (IST) Updated:Fri, 01 Apr 2022 11:49 AM (IST)
सीएम अरविंद केजरीवाल आवास पर तोड़फोड़ मामले में सीलबंद लिफाफे में पेश करें रिपोर्ट : दिल्ली हाई कोर्ट
अरविंद केजरीवाल के आवास पर हमले को लेकर HC ने केंद्र से कहा- 2 हफ्ते में पेश करें स्थिति रिपोर्ट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हमला और तोड़फोड़ के मामले में आप विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करने से पहले दिल्ली पुलिस को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का मौका दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने पुलिस को दो सप्ताह के अंदर सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही घटना के दौरान तोड़े गए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई वीडियो-तस्वीरों समेत अन्य सुबूतों को संरक्षित करने भी पुलिस काे आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान सौरभ भारद्वाज की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ के समक्ष घटना का वीडियो पेश करते हुए दलील दी कि गेट को तोड़ा गया और सीसीटीवी कैमरे तोड़े गए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का हवाला देते हुए इस घटना की जांच विशेष जांच दल से कराने की मांग की। इसका विरोध करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल संजय घोष ने कहा कि याचिका का आधार नहीं है, क्योंकि मामले में एफआइआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है।उन्होंने घटना के 24 घंटे के भीतर याचिका दायर करने पर भी सवाल उठाया।

इसके जवाब में पीठ ने कहा कि हमने वीडियो देखा है। गेट को ताेड़ा गया है और लोग गेट को पार करने की कोशिश कर रहे थे। इतना ही नहीं पुलिस भी कुछ नहीं कर रही थी। ऐसे में पुलिस को बताना पड़ेगा कि उनका बंदोबस्त क्या था।एएसजी ने कहा कि याचिकाकर्ता एक राजनीतिक व्यक्ति है।वहीं, सौरभ की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि दिल्ली पुलिस कोई चैरटी नहीं कर रही थी। उन्होंने कहा कि पुलिस कह रही है कि वे सचिवालय में बैठकर मामले का हल निकालेंगे तो क्या ऐसा कुछ पीएमओ के बाहर हुआ तो क्या पुलिस ऐसे ही बैठ कर हल निकालेगी। पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 25 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।

यह है मामला

द कश्मीर फाइल फिल्म को लिए की गई टिप्पणी के विरोध में बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुए हमले तोड़फोड़ के मामले में एसआइटी जांच की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर लोकतंत्र पर हमला है।उन्होंने मुख्यमंत्री व उनके आवास की सुरक्षा सुनिश्चित करने के संबंध में दिल्ली पुलिस व गृह मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की है।उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी तरह से हाई कोर्ट के 22 अगस्त 2017 के आदेश का उल्लंघन है।जिसमें अदालत ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि मुख्यमंत्री आवास के सामने की रोड पर प्रदर्शन न होने पाए।उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में हुई वारदात से ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपितों के साथ मिली है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हमला और तोड़फोड़ करने वाले भाजपा से जुड़े हैं और गृह मंत्रालय का दिल्ली पूरी तरह से नियंत्रण है।ऐसे में सही जांच की संभावना नहीं है।याचिका में यह भी कहा गया कि इससे पहले वर्ष 2020 में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर हमला किया था। इस दौरान वहां पुलिस मौजूद थी, लेकिन हमलावरों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

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