शिक्षा में बदलाव के लिए हमें वर्तमान अप्रोच को बदलने की जरूरत : मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे यहां इंस्टिट्यूशन में रिसर्च में ज़्यादा समय नहीं दिया जाता जबकि रिसर्च नीड इन्वेस्टमेंट टाइम एंड मनी। हमें अपने वर्तमान अप्रोच को बदलने की ज़रूरत है। हमारे लीडरशिप को अपना अप्रोच बदलना होगा।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 19 Mar 2021 10:18 PM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 10:18 PM (IST)
शिक्षा में बदलाव के लिए हमें वर्तमान अप्रोच को बदलने की जरूरत : मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि "फ्यूचर ऑफ एजुकेशन का रास्ता प्रोफेसर्स के बीच से ही होकर गुजरता है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा की भारत में अब विश्वविद्यालयों को देश की दशा और दिशा तय करने की ज़रूरत है। हमारे यहां इंस्टिट्यूशन में रिसर्च में ज़्यादा समय नहीं दिया जाता जबकि "रिसर्च नीड इन्वेस्टमेंट, टाइम एंड मनी। हमें अपने वर्तमान अप्रोच को बदलने की ज़रूरत है। हमारे लीडरशिप को अपना अप्रोच बदलना होगा। रिसर्च के लिए संसाधन उपलब्ध कराने होंगे। उन्हें समय देना होगा। कोई भी नवाचार एक दिन में सामने नहीं आता है। साथ ही हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों को भी इसकी ज़िम्मेदारी लेनी होगी। हमें अपने छात्रों को कॉन्फिडेंट और क्रिटिकल थिंकिंग वाला बनाने की ज़रूरत है। यूनिवर्सिटी एजुकेशन को लेकर एक नई अप्रोच लेकर चलें तो देश में बहुत कुछ बदल जायेगा।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उच्च शिक्षा में नवाचार और अनुसंधान के संबंध में सुधार की सबसे ज्यादा आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि "हमारे इंस्टीट्यूट कहीं कहीं न सरकारों की गाइड लाइन से बंधे हुए हैं उसकी वजह से कई समस्या आती है। हमें उन्हें अपने क़ायदे बनाने के लिए मुक्त करना होगा तभी आउट ऑफ बॉक्स सोच आ पाएगी। जिस दिन हम खुल जाएंगे हम ज़बरदस्त काम करने लगेंगे"

मनीष सिसोदिया ने कहा कि "फ्यूचर ऑफ एजुकेशन का रास्ता प्रोफेसर्स के बीच से ही होकर गुजरता है। पोस्ट पैंडेमिक , टेक्नोलॉजी का टोन चेंज हुआ है। आने वाले समय में जो भी चैलेंज है उसके लिए युवाओं को खड़े होने की ज़रूरत है। क्विक रेस्पॉन्स की ज़रूरत है। दुनिया में टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से विकसित और अपग्रेड हो रही है कि आने वाले समय मे हमारा मुकाबला रोबोट से होने वाला है। हमारी उच्च शिक्षा व्यवस्था को आज से ऐसा डिज़ाइन करना होगा कि आने वाले 50 सालों में कंप्यूटर उसे बदल नहीं पाए।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को ये हमेशा ध्यान रखना चाहिए की संस्थान से जो भी मिले उसे सर पर रखकर नहीं ले कर चलना है। नहीं तो सारा ज्ञान बोझ बन जाएगा। उसे पैरों के नीचे रखिए और अपना कद बढ़ाइए। हर रोज़ नई तकनीक सीखिए, नई स्किल हासिल कीजिए। संस्थान से मिले अपने सारे ज्ञान और अनुभवों से आगे बढ़कर कुछ करने की हिम्मत करने वाले युवा आज नौकरी मांगने का नहीं, देने का काम कर रहें हैं।

सिसोदिया ने कहा कि हमारे पूरे एजुकेशन सिस्टम में असेसमेंट के तरीके में बदलाव करने की ज़रूरत है। तीन घंटे में बच्चों का आकलन नहीं किया जा सकता है। इसके लिए उनके लगातार असेसमेंट की ज़रूरत है। दिल्ली में जो शिक्षा बोर्ड बना रहे हैं उसमें हम यही करने जा रहे हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कोविड महामारी के दौरान नई तकनीकी के इस्तेमाल से उच्च शिक्षा में बेहतरीन योगदान देने वाले प्रोफेसरों को 'न्यू कोड एजुकेशन अवार्ड 2021' से सम्मानित किया।

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