Delhi Coronavirus: हाई कोर्ट परिसर में सिर्फ कर्मचारियों एवं अधिवक्ताओं का होगा कोरोना जांच

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक आदेश जारी करके कहा कि अदालत परिसर के अंदर बनाए जा रहे हैं कोरोना जांच केंद्र पर सिर्फ अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों का ही आरटीपीसीआर जांच किया जाएगा। आदेश के अनुसार क्योंकि जांच किट की उपलब्धता कम है इसलिए यह निर्णय किया गया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 05:11 PM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 05:11 PM (IST)
Delhi Coronavirus: हाई कोर्ट परिसर में सिर्फ कर्मचारियों एवं अधिवक्ताओं का होगा कोरोना जांच
जांच केंद्र के अंदर एक समय में 25 लोगों को जाने की होगी अनुमति, इससे संक्रमण का खतरा नहीं होगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक आदेश जारी करके कहा कि अदालत परिसर के अंदर बनाए जा रहे हैं कोरोना जांच केंद्र पर सिर्फ अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों का ही आरटीपीसीआर जांच किया जाएगा। आदेश के अनुसार क्योंकि जांच किट की उपलब्धता कम है, इसलिए यह निर्णय किया गया है। आदेश के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया जांच केंंद्र पर ही होगी और इसके लिए पूर्व नियुक्ति लेने की जरूरत नहीं है।

हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन द्वारा जारी किए गए आदेश के तहत जांच केंद्र के अंदर एक बार में केवल 25 लोगों को जाने की अनुमति दी जाएगी और इस दौरान किसी को भी प्रवेश द्वार पर भीड़ लगाने की अनुमति नहीं होगी। 16 अप्रैल को हाई कोर्ट ने आदेश जारी करके कहा था कि आरटीपीसीआर टेस्ट आगामी 19 अप्रैल से 31 मई के बीच अदालत परिसर में ही होगी।

कोरोना संक्रमण की तेजी ने राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमर तोड़ दी है। आलम यह है कि गंभीर हालत में पहुंच चुके मरीजों को भी अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में एक बेड तक नसीब नहीं हो रहा है। अस्पतालों में आक्सीजन की कमी ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है। बढ़ाने के बजाय कई अस्पतालों ने आक्सीजन की अनुपलब्धता को देखते हुए बेड घटा दिए हैं।

जीटीबी अस्पताल और राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में बेड की संख्या आधी कर दी गई है। निजी अस्पताल भी गंभीर हालत में पहुंचे मरीजों को अपने यहां भर्ती नहीं कर रहे हैं। अब जरूरी दवाओं का भी संकट गहरा चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो यह सब विभागीय उदासीनता की वजह से हुआ है। अप्रैल की शुरुआत में ही संक्रमण ने तेजी पकड़ ली थी। मरीजों की पहचान के साथ होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर और अस्पतालों में भर्ती की प्रक्रिया का पालन करने की जरूरत थी।

इसकी अनुपस्थिति में गैर जरूरतमंद लोग भी अस्पतालों में भर्ती हो गए। अस्पतालों में बेड भरने शुरू हो गए। इसके बाद आक्सीजन की कमी ने रही-सही कसर पूरी कर दी। अस्पतालों में बेड कम होने लगे। जबकि पिछले साल ही स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी की व्यवस्था शुरू की थी। लेकिन मौजूदा समय में यह व्यवस्था जब तक अमल में आती, तब तक अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाओं ने हांफना शुरू कर दिया। इससे कोर्ट के जज और उनके परिवार भी अछूते नहीं रह पाए हैं, इस वजह से अब कोर्ट परिसर में उनके परिवारों की जांच करने के लिए काम किया गया है।

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