Delhi Budget 2021-22: दिल्ली के लोगों को लगेगा ’आम आदमी मुफ्त कोविड टीका’
Delhi Budget 2021-22 सरकार सभी लोगों को हेल्थ कार्ड जारी करेगी। इस कार्ड में व्यक्ति की पुरानी और अनुवांशिक बीमारियों जांच व दवाओं का पूरा रिकार्ड मौजूद रहेगा। इसलिए इलाज के दौरान पुरानी बीमारियों के बारे में बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। Delhi Budget 2021-22 कोरोना के पहले और बाद की परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं। इस बार दिल्ली सरकार के सालाना बजट में चार हजार करोड़ की बढ़ोतरी हुई। उसका आधा से ज्यादा हिस्सा स्वास्थ्य के खाते में आया है। इस वजह से स्वास्थ्य के बजट में पिछले साल के मुकाबले 28.94 फीसद की बढ़ोतरी हुई। इससे दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य का बजट 10 हजार करोड़ के आसपास पहुंच गया है। बजट की बूस्टर डोज से स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे की सेहत सुधरेगी। साथ ही आने वाले समय में दिल्ली में 60 साल से कम उम्र के स्वस्थ लोगों को भी सरकारी अस्पतालों में कोरोनारोधी टीका मुफ्त लगाया जाएगा।
सरकार ने अपने बजट में टीकाकरण के लिए आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर ‘आम आदमी मुफ्त कोविड टीका’ नाम दिया है। इसके लिए 50 करोड़ का प्रविधान किया गया है। फिलहाल दिल्ली के 56 अस्पतालों में बुजुर्गों व 45 साल से अधिक उम्र वाले गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को निःशुल्क टीका लगाया जा रहा है। इसके बाद आगे भी सरकारी अस्पतालों में दिल्ली के लोगों को टीका मुफ्त में लगेगा।
रोजाना 60 हजार लोगों को टीका लगाने की होगी क्षमता
विशेष महिला मोहल्ला क्लीनिक अगले साल होंगे शुरू: दिल्ली सरकार ने अब महिलाओं के लिए 100 विशेष मोहल्ला क्लीनिक खोलेगी। सामान्य मोहल्ला क्लीनिक में गायनी के डाक्टर मौजूद नहीं होते हैं। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कई महिलाएं अपने स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बातें नहीं कर पातीं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाएं इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में नहीं पहुंच पातीं। इसलिए घर के नजदीक विशेष महिला मोहल्ला क्लीनिक शुरू किए जाएंगे, जहां गायनी की डाक्टर मौजूद होंगी। इससे घर के नजदीक महिलाओं को बेहतर इलाज मिल सकेगा।
सबको मिलेगा हेल्थ कार्ड: सरकार सभी लोगों को हेल्थ कार्ड जारी करेगी। इस कार्ड में व्यक्ति की पुरानी और अनुवांशिक बीमारियों, जांच व दवाओं का पूरा रिकार्ड मौजूद रहेगा। इसलिए इलाज के दौरान पुरानी बीमारियों के बारे में बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शुरुआत में यह योजना सरकारी अस्पतालों में लागू की जाएगी।