कोरोना से बचाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट ने लगाई हाइटेक मशीन, दूर से यात्रियों को कर देगा 'अलर्ट'

एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनर व कैमरे से यात्रियों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। दूर से ही यात्रियों के शरीर का सही तापमान बता देते है। यह तकनीक काफी कारगार भी साबित हो रही है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 11:05 PM (IST) Updated:Fri, 21 Aug 2020 07:53 AM (IST)
कोरोना से बचाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट ने लगाई हाइटेक मशीन, दूर से यात्रियों को कर देगा 'अलर्ट'
कोरोना से बचाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट ने लगाई हाइटेक मशीन, दूर से यात्रियों को कर देगा 'अलर्ट'

नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आइजीआइ एयरपोर्ट नई-नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। चूंकि कोरोना से बचने के लिए दो गज की दूरी बेहतर विकल्प है। इसके मद्देनजर एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनर व कैमरे से हवाइ यात्रियों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। यह दूर से ही यात्रियों के शरीर का सही तापमान बता देते है। यह तकनीक काफी कारगार भी साबित हो रही है। एयरपोर्ट पर 25 मार्च से अब तक इसके माध्यम से 31 हवाइ यात्री बुखार से पीड़ित पाए गए। उन्हें अन्य यात्रियों से अलग कर जांच के लिए अस्पताल भेजा गया।

दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना काल में भी आइजीआइ एयरपोर्ट देश का सबसे पसंदीदा एयरपोर्ट के रूप में उभरा है। इस दौरान संचालित होने वाले विशेष अंतरराष्ट्रीय व घरेलु विमान से यात्रा करने वाले हवाइ यात्रियों की भागीदारी भी देश भर के एयरपोर्ट से ज्यादा है। कोरोना काल में आइजीआइ पर देशव्यापी यात्रियों की संख्या 23 फीसद रही। जबकि पहले 18 फीसद लोग इस एयरपोर्ट से यात्रा करते थे। कोरोना महामारी से बचाने के लिए एयरपोर्ट पर सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत तमाम कवायद की गई है। कोरोना से बचाव के लिए टर्मिनल को लागातार सेनिटाइज के साथ ही वहां बैगेज को वायरस से मुक्त करने के लिए अल्ट्रा वायलेट (यूवी) तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।

शुरुआत में यात्रियों के शरीर के तापमान मापने के लिए हाथ में पकड़े जाने वाले थर्मल स्कैनर का प्रयोग किया जाता था। लेकिन यह ज्यादा सुरक्षित नहीं था। जिसके कारण बाद में एयरपोर्ट पर अल्ट्रा मॉडर्न थर्मल स्कैनर और कैमरे स्थापित किए। एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक आइजीआइ के अराइवल व डिपार्चर टर्मिनल के प्रवेश -निकास द्वार पर करीब 20 थर्मल स्कैनर और कैमरे लगाए गए हैं। इससे सुरक्षित तरीके से यात्रियों के शरीर का तापमान मापा जा रहा है। इस वर्ष कोरोना काल में एयरपोर्ट पर करीब 21 हजार उड़ानों का संचालन हुआ। इससे करीब 18.8 लाख यात्रियों ने यात्रा की। 25 मई से 12 अगस्त तक कुल बुखार से पीड़ित पाए गए 31 में से 12 ट्रांजिट यात्री थे।

हवाइ यात्रियों का स्वास्थ्य अहम:सीईओ 

आइजीआइ एयरपोर्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों का स्वास्थ्य काफी अहम है। सरकारी निर्देशों के मद्देनजर एयरपोर्ट पर यात्रियों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण देने के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं। इसी के अंतर्गत थर्मल स्कैनर और कैमरे स्थापित किए गए हैं। एयरपोर्ट कोरोना वायरस से मुक्त रहे इसके लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने की व्यवस्था के अलावा अन्य तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है।

विदेह कुमार जयपुरियार, सीईओ, डायल

एयरपोर्ट पर कोरोना काल में की गई व्यवस्था 300 से अधिक सैनिटाइज़र डिस्पेंसर और 650 से अधिक हाथ धोने वाले डिस्पेंसर सिंक। प्रत्येक वॉशरूम का प्रशिक्षति कर्मचारियों द्वारा हर घंटे साफ-सफाई हर 30 मिनट में हाउसकीपिंग स्टाफ द्वारा हैंड सैनिटाइजर के स्तर की जांच। शारीरिक दूरी बनाकर रखने के लिए टर्मिनल में जगह-जगह फर्श पर गोला। दूरी बनाकर बैठने के लिए कुर्सियों पर निशान। एहतियात बरतने संबंधी हिंदी और अंग्रेजी में उद्घोषणा। जूतों को संक्रमण मुक्त करने के लिए प्रवेश द्वारा पर कीटाणुनाशक चटाई। बैगेज और फर्श को यूवी लाइट द्वारा स्वच्छ किया जाना।

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