दिल्ली के बाजारों में दिवाली पर नही दिखेंगे चीनी सामान, चीन को होगा 10 हजार करोड़ का नुकसान

शुक्रवार को चेंबर ऑफ ट्रेड इंड इंडस्ट्री (CTI) के नेतृत्व में दिल्ली के व्यापारियों ने कनॉट प्लेस में प्रदर्शन किया।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 05:40 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 06:06 PM (IST)
दिल्ली के बाजारों में दिवाली पर नही दिखेंगे चीनी सामान, चीन को होगा 10 हजार करोड़ का नुकसान
दिल्ली के बाजारों में दिवाली पर नही दिखेंगे चीनी सामान, चीन को होगा 10 हजार करोड़ का नुकसान

नई दिल्ली, नेमिष हेमंत। बॉर्डर पर तनातनी के बीच तत्कालीन के साथ दिल्ली के बाजार चीन को दीर्घकालीन झटका देने की तैयारी में है। बाजारों में इस तरह की रायशुमारी बनी है कि चीन से आयात एकदम कम कर दिया जाए। अगर चीन से आयात के बिना काम चल सकता है तो चलाया जाए। ऐसे में अगले माह पड़ने वाले जन्माष्टमी और राखी के त्योहार को लेकर कोई ऑर्डर चीन को न जाए तो चार माह बाद आने वाली दीपावली भी पड़ोसी मुल्क के लिए फीकी कर दी जाए।

रक्षाबंधन और जन्माष्टमी पर तो कम लेकिन दीपावली का पूरा बाजार अब तक चीनी उत्पादों पर निर्भर रहा हैं। बिजली की लड़ियों के साथ इलेक्ट्रिक दीये, लक्ष्मी - गणेश की मूर्ति और सजावटी सामान सभी चीन से आते हैं। यहां तक कि पटाखे भी वहां से आने लग गए थे।

दिवाली पर 10 हजार करोड़ से अधिक का होता है आयात

दीपावली पर चीन से अकेले आयात 10 हजार करोड़ से अधिक का है। इसमें फर्नीचर, क्राकरी और बर्तन जैसे अन्य सामान मिला लिया जाएं तो मामला 15 से 20 हजार करोड़ रुपए का हो जाता है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई ) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि दीपावली पर पूरे देश में लगभग एक लाख करोड़ का सामान चीन से आयात होता है जबकि अकेले दिल्ली में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का आयात है। दिवाली का त्यौहार अमूमन नवंबर में होता है। इसके लिए व्यापारी जुलाई में ही ऑर्डर देना शुरू कर देते हैं, जो कि सितंबर तक आयात हो जाता है।

दिवाली पर सामान के लिए चीन को ऑर्डर नहीं देगे व्यापारी

दिल्ली के व्यापारियों ने यह संकल्प लिया है कि इस दीपावली चीन को किसी भी माल का ऑर्डर नहीं देंगे। बृजेश ने कहा कि लद्दाख में भारतीय वीर जवान चीनी सैनिकों के हमले में शहीद हो गए।  अब चीन की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सबक सिखाना है। कोशिश है कि पूरे देश में एक लाख करोड़ रुपए का चीनी आयात रोका जाए।

भारत में अपना माल बनेगा, तो यहां बेरोजगारी की समस्या दूर होगी और अपने देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

चीन के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान चलाते कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) द्वारा भी इस दीपावली देसी दीपावली मनाने को लेकर जोर शोर से लोगों को जागरूक कर रहा है। कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल कहते हैं कि इस दीपावली कोई भी सामान चीन से न मंगाया जाएं। दिल्ली इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा ने बताया कि दीपावली में सबसे अधिक चीनी झालर और लाइट्स बिकती है। पर भागीरथ  पैलेस के थोक बाजार में इस बार भारतीय उत्पादों का बोलबाला होगा। क्योंकि यहां के दुकानदारों ने चीन के उत्पादों के बहिष्कार का फैसला लिया है।

इन बाजार संगठनों ने किया चीन का बहिष्कार

सदर बाजार से परमजीत सिंह पंमा, कश्मीरी गेट से विष्णु भार्गव, करोल बाग मोबाइल मार्केट से अमित गोयल व अजय सोनी, नेहरू प्लेस कंप्यूटर मार्केट से महेंद्र अग्रवाल, खिलौने व्यापारी संगठन के अजय अग्रवाल, डायमंड ट्रेडर संगठन के गुरमीत अरोड़ा, मशीनरी पार्ट्स मार्केट से नवदीप मल्होत्रा और टैंक रोड कपड़ा मार्केट के पूर्व प्रधान रमेश आहूजा, व्यापारी नेता सुनील गुप्ता व तरूण चतुर्वेदी समेत अन्य व्यापारी नेताओं ने चीन के उत्पाद नहीं खरीदने का संकल्प लिया है। इन बाजारों में चाइनीज उत्पादों की बिक्री अधिक होती हैं।  

सभी ने निर्णय लिया है कि इस बार लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियां, दिये, खिलौने, बल्ब, लाइट, झालर, गिफ्ट आइटम, फोन और सजावटी सामान का ऑर्डर चीन को नहीं देंगे।

कनॉट प्लेस में चीन के खिलाफ व्यापारियों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन

चीनी उत्पादों के खिलाफ कारोबारियों की लामबंदी तेज होती जा रही है। सीटीआई के नेतृत्व में दिल्ली के व्यापारियों ने कनॉट प्लेस में चाइनीज माल के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। व्यापारी चीन के खिलाफ नारे लगा रहे थे तो आते जाते लोगों से चीन के उत्पाद नहीं खरीदने की अपील कर रहे थे। व्यापारियों ने ऐसी टीशर्ट पहनी हुई थी, जिसमें चाइनीज सामान के आयात के बहिष्कार संबंधी स्लोगन लिखे थे। यह लोगों के आकर्षण के केंद्र में था।

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