Coronavirus: होटल में क्वारंटाइन हो सकते हैं हल्के लक्षण वाले मरीज, जानें रूम का किराया

Coronavirus अब होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज अपने खर्च पर होटल में भी क्वारंटाइन रह सकते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 04:07 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 04:07 PM (IST)
Coronavirus: होटल में क्वारंटाइन हो सकते हैं हल्के लक्षण वाले मरीज, जानें रूम का किराया
Coronavirus: होटल में क्वारंटाइन हो सकते हैं हल्के लक्षण वाले मरीज, जानें रूम का किराया

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में भी दबाव बढ़ता जा रहा है। वहीं होम क्वारंटाइन में रह कर इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। हल्के लक्षण व बगैर लक्षण वाले लोगों को होम आइसोलेशन में रखने का प्रावधान है। अब होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज अपने खर्च पर होटल में भी क्वारंटाइन रह सकते हैं।

इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने आठ बडे होटलों को चिह्नित किया है। इस बाबत रविवार को आदेश जारी किया गया। जिनमें कुल 1350 कमरों की सुविधा है। एरोसिटी स्थित चार होटल (होलीडे इन, होटल प्राइड प्लाजा, अलॉफ्ट होटल, व आइबीआइएस होटल) व द्वारका स्थित दो होटल (आइटीसी वेलकम व ताज विवांता) में एक कमरे में एक मरीज के रहने और तीन बार खाने के लिए प्रतिदिन 3100 रुपया भुगतान करना पड़ेगा।

वहीं यदि कमरे में दो लोग रहते हैं तो प्रतिदिन 4000 हजार रुपये खर्च करने होंगे। वहीं ली मेरिडियन व जे डब्ल्यू मैरियट होटल में एक कमरे में एक मरीज के रहने पर प्रतिदिन चार हजार व दो मरीज के रहने पर 4800 रुपये का भुगतान करना होगा।

एनडीएमसी में तीन और संक्रमित

वहीं दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) में लगातार चौथे दिन कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। रविवार को एनडीएमसी के तीन और कर्मचारियों को कोरोना की पुष्टि होने से अब कुल संक्रमितों का आंकड़ा 23 तक पहुंच गया है। हालांकि चार कर्मी कोरोना को हराकर स्वस्थ हो चुके है। एनडीएमसी के अनुसार अकाउंट विभाग में कार्यरत जूनियर असिस्टेंट, व्यवसायिक विभाग में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर और सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत बेलदार को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।

कोरोना संक्रमित एसडीएमसी के सफाईकर्मी की मौत

कोरोना वायरस की चपेट में आने से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के सफाईकर्मी सुभाष की मौत हो गई। वह बदरपुर वार्ड में तैनात थे और मधुमेह से ग्रसित थे। काफी समय से इसकी नियमित दवाई खा रहे थे। एसडीएमसी के जनसंपर्क अधिकारी राधा कृष्ण ने बताया कि कुछ दिन पूर्व तबियत बिगड़ने पर उन्हें लेडी हार्डिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डायलिसिस और बेहतर उपचार के लिए उन्हें यहां से एलएनजेपी अस्पताल रेफर किया गया। वहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

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