दिल्ली के छात्रों को एडमिशन में आरक्षण मिलना असंभव, DU नहीं हो रहा राजी

डीयू में चल रही चर्चा के अनुसार इस मामले को लेकर वह अडिग है वह आरक्षण देने की स्थिति में नहीं है।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 03 Jul 2017 09:04 AM (IST) Updated:Mon, 03 Jul 2017 08:45 PM (IST)
दिल्ली के छात्रों को एडमिशन में आरक्षण मिलना असंभव, DU नहीं हो रहा राजी
दिल्ली के छात्रों को एडमिशन में आरक्षण मिलना असंभव, DU नहीं हो रहा राजी

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से जुड़े दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में दिल्ली के विद्यार्थियों को 85 फीसद आरक्षण देने का दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का सपना टूट सकता है। इसमें भाजपा भी शामिल है, जिसके नेता अक्सर दिल्ली के स्थानीय छात्रों को आरक्षण देने की हिमायत करते रहे हैं। 

माना जा रहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय किसी भी स्थिति में राज्य स्तर पर आरक्षण देने की न तो स्थिति में  है और न ही इसके लिए राजी ही दिखाई देता है।

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कि इस सत्र 2017-18 में दाखिले के किसी भी प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। साथ ही अगले सत्र के लिए भी डीयू इस मांग पर हामी भरने का तैयार नहीं है। 

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार विधानसभा में दिल्ली के अंतर्गत आने वाले 28 वित्त पोषित कॉलेजों में दिल्ली के छात्र-छात्राओं को 85 फीसद आरक्षण देने के प्रस्ताव को पारित कर चुकी है।

बताया जाता है कि डीयू के अंतर्गत आने वाले 12 कॉलेज ऐसे हैं, जो 100 फीसद दिल्ली सरकार से वित्त पोषित हैं, जबकि बाकी कॉलेज दिल्ली सरकार से पांच फीसद वित्त पोषित हैं। 

यहां पर बता दें कि सोमवार को डीयू की कार्यकारी परिषद की बैठक हो रहीं है। डीयू के कार्यकारी परिषद सदस्य डॉ एके भागी ने बताया कि इस मामले में कार्यकारी परिषद की बैठक में कुलपति प्रो योगेश त्यागी से अनुरोध किया जाएगा कि वह दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर स्पष्ट करें कि डीयू में किसी भी राज्य के विद्यार्थियों को आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

वहीं, डीयू में चल रही चर्चा के अनुसार इस मामले को लेकर वह अडिग है वह आरक्षण देने की स्थिति में नहीं है। ऐसा कहा जा रहा है कि यदि कोई भी सरकार फंड दे रही है तो भी केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

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