Cocktail Drug In Delhi: आज से दिल्ली में इस्तेमाल होगा कॉकटेल ड्रग, सिर्फ 1 डोज से होगा कोरोना का इलाज

Cocktail Drug In Delhi दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज के लिए मंजूरी मिल सकती है। एंटीबाडी मोनोक्लोनल कोरोना के स्पाइक प्रोटीन पर हमला करके वायरस को न्यूट्रलाइज कर सकती है। यह एंटीबॉडी कासिरिविमैब और इमडेविमैब का कॉकटेल (संयुक्त मिश्रण) है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 27 May 2021 09:23 AM (IST) Updated:Thu, 27 May 2021 09:49 AM (IST)
Cocktail Drug In Delhi: आज से दिल्ली में इस्तेमाल होगा कॉकटेल ड्रग, सिर्फ 1 डोज से होगा कोरोना का इलाज
Cocktail Drug In Delhi: दिल्ली में मिल सकता है कॉकटेल ड्रग, सिर्फ 1 डोज से होगा कोरोना का इलाज

​​​​​नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे राजधानी दिल्ली के लोगों के बृहस्पतिवार से मरीजों को भी अब कोरोना की एंटीबाडी काकटेल दवाई दी जाएगी। इसकी शुरुआत बृहस्पतिवार को ओखला के फोर्टिस एस्कार्ट अस्पताल में होगी। इससे पहले गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती मरीज को यह दवाई दी गई थी।फोर्टिस एस्कार्ट अस्पताल के चेयरमैन डा. अशोक सेठ ने बताया कि अस्पताल में गुरुवार से एंटीबाडी काकटेल जो कासिरिविमैब और इम्डेविमैब का मिश्रण है, मरीजों को दी जाएगी। यह दवा कोरोना मरीजों की स्थिति बिगड़ने से पहले हल्के और मध्यम लक्षणों से सुरक्षा प्रदान करती है। इससे पहले मंगलवार को हरियाणा के 84 वर्षीय मोहब्बत ¨सह को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में यह दवा दी गई थी। काकटेल दवा को लेने वाले वह भारत के पहले मरीज बने थे। जब पिछले साल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप कोरोना संक्रमित हुए थे तब उनके इलाज में भी मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल का इस्तेमाल किया गया था। एक सप्ताह के भीतर वह काम पर वापस आ गए थे। इस दवा की एक डोज की कीमत करीब 60 हजार रुपये है। वहीं, जल्दी ही दिल्ली के अन्य अस्पतालों में भी इस दवाई का इस्तेमाल शुरू होगा।

एंटीबाडी मोनोक्लोनल कोरोना के स्पाइक प्रोटीन पर हमला करके वायरस को न्यूट्रलाइज कर सकती है। यह एंटीबॉडी कासिरिविमैब और इमडेविमैब का कॉकटेल (संयुक्त मिश्रण) है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने हाल ही में अमेरिकी कंपनी द्वारा विकसित खास तरह के मोनोक्लोनल एंटीबाडी के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना पॉजिटिव होने पर उन्हें भी इलाज के दौरान यह दवा दी गई थी। इस दवा का निर्माण फार्मा कंपनी रॉश और सिपला ने किया है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने हाल ही में एंटीबॉडी कॉकटेल को इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन यानि EUL दिया है।

अमेरिका में हो चुका है इसका ट्रायल

कोरोना के इलाज में अभी टोसिलिजुमैब इस्तेमाल की जा रही है। यह भी एक तरह की मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है। इसे किसी दूसरी बीमारी के इलाज के लिए बनाया गया है, लेकिन कोरोना के संक्रमण के दौरान होने वाले शरीर के आंतरिक हिस्से में होने वाली सूजन को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। कासिरिविमैब और इमडेविमैब को कोरोना को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। अमेरिका में इसका ट्रायल भी हुआ है। यह एंटीबाडी हल्के और कम गंभीर संक्रमण से पीडि़त मरीजों को दी जाती है। जिससे शुरुआत में ही संक्रमण को दबाया जा सके ताकि बीमारी गंभीर ना होने पाए।

आसान नहीं होगा इसका इस्तेमाल

यह दवा इंजेक्शन के रूप में इस्तेमाल होती है। इसे सिर्फ हल्के या बहुत कम गंभीर मरीजों को ही दिया जाता है। हालांकि खास बात यह है कि देश में हल्के संक्रमण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में जरूरतमंद मरीजों की पहचान कर उन्हें यह दवा देना आसान नहीं होगा। दवा की उपलब्धता भी बड़ी चुनौती होगी।

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