कैशलेस होगा आनंद विहार बस अड्डा, समय तो बचेगा ही प्रदूषण का स्तर भी होगा कम

कैशलेस व्यवस्था होने से शुल्क जमा करने में देर नहीं लगेगी और बस अड्डे में लगने वाले जाम से तो निजात मिलेगी ही, प्रदूषण का स्तर भी काफी हद तक सुधरेगा।

By Edited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 09:04 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 06:00 AM (IST)
कैशलेस होगा आनंद विहार बस अड्डा, समय तो बचेगा ही प्रदूषण का स्तर भी होगा कम
कैशलेस होगा आनंद विहार बस अड्डा, समय तो बचेगा ही प्रदूषण का स्तर भी होगा कम

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। आनंद विहार अंतरराज्यीय बस अड्डे में दूसरे राज्यों के बस चालकों को प्रवेश और निकास शुल्क देने के लिए लंबी लाइनों में लगकर अपना समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा। जल्द ही यह व्यवस्था कैशलेस कर दी जाएगी। कैशलेस व्यवस्था होने से शुल्क जमा करने में देर नहीं लगेगी और बस अड्डे में लगने वाले जाम से तो निजात मिलेगी ही, प्रदूषण का स्तर भी काफी हद तक सुधरेगा।

नई सड़क बनवाई गई है
बस अड्डे और इसके आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर दिल्ली के अन्य इलाकों के मुकाबले अधिक रहता है। प्रदूषण के स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने भारतीय रेलवे की ओर से बस अड्डे के पास 200 मीटर की नई सड़क बनवाई है। पिछले कुछ दिनों से इसी सड़क से उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल की बसों का प्रवेश हो रहा है जबकि इनका निकास दिल्ली परिवहन निगम (सिटी) की बसों के साथ पुराने गेट से हो रहा है। सिटी बसें पुराने गेट से ही प्रवेश भी कर रही हैं। बस अड्डे में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल परिवहन निगम की कुल दो हजार बसे हैं, इनमें उत्तर प्रदेश की करीब 750 बसें शामिल हैं।

कंप्यूटर में दर्ज करने की जरूरत नहीं
दिल्ली परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने जो नई सड़क बनाई है, उसके द्वार पर चुंगी बनाई गई है। यहां सीसीटीवी कैमरे लगे होने के साथ ही बसों को रोकने के लिए अवरोधक लगाए गए हैं। बस अड्डे में प्रवेश करने से पहले सीसीटीवी की सहायता से बस की नंबर प्लेट का फोटो लिया जा रहा है। कर्मचारियों को कंप्यूटर में दर्ज करने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है कि कौन सी बस आई।

कैशलेस की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी
अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ सप्ताह में बाहरी राज्यों के चालकों को कैशलेस की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी तब और समय की बचत होगी। परिवहन विभाग उन्हें एक स्टिकर जारी करेगा, उस स्टिकर को चालक अपनी बसों पर आगे के शीशे पर लगाएंगे। चालकों को उस स्टिकर को 500 और 1000 रुपये से रिचार्ज करवाना होगा। रिचार्ज बस नंबर के आधार पर होगा। स्टिकर पर एक कोड दिया होगा, उस कोड को प्रवेश और निकास द्वारा पर लगे सीसीटीवी कैमरा स्कैन कर लेंगे और चालक के स्टिकर से पैसे कट जाएंगे।

बसों की लंबी लाइन लग जाती है
मौजूदा समय में चालक प्रवेश शुल्क कैश में देते हैं, इस कारण इसमें समय लगता है और बसों की लंबी लाइन लग जाती है। कैशलेस व्यवस्था हो जाने से इस झंझट से छुटकारा मिलेगा। अधिकारियों का मानना है कि नई सड़क बन जाने के बाद अब कैशलेस व्यवस्था लागू हो जाए तो प्रदूषण का स्तर काफी हद तक सुधरेगा। इसके बाद सिटी बसों के लिए भी यही व्यवस्था की जाएगी।

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