जानिए- आखिर क्यों केजरीवाल का सबसे चहेता विधायक हो गया PM मोदी का मुरीद

कभी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबियों में शुमार कपिल मिश्रा की पार्टी से अदावत-बगावत की स्क्रिप्ट दो साल पहले ही तैयार हो गई थी

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 17 Aug 2019 02:51 PM (IST) Updated:Sat, 17 Aug 2019 03:27 PM (IST)
जानिए- आखिर क्यों केजरीवाल का सबसे चहेता विधायक हो गया PM मोदी का मुरीद
जानिए- आखिर क्यों केजरीवाल का सबसे चहेता विधायक हो गया PM मोदी का मुरीद

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। तकरीबन दो साल तक सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arivnd Kejriwal) पर भ्रष्टाचार समेत कई तरह के गंभीर आरोप लगाने वाले दिल्ली के पूर्व मंत्री और AAP के बागी नेता कपिल मिश्रा ने आखिरकार भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम ही लिया। इसके कयास पिछले 2 साल से लगाए जा रहे थे, लेकिन विधानसभा की सदस्यता खोने के डर से ऐसा नहीं किया। अब जब आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में छह महीने से भी कम का समय बचा है, तो कपिल मिश्रा के पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचा था।

कभी अरविंद केजरीवाल के करीबियों में शुमार कपिल मिश्रा की पार्टी से अदावत-बगावत की स्क्रिप्ट दो साल पहले ही तैयार हो गई थी जब उन्हें गड़बड़ी के आरोपों के चलते दिल्ली के जल संसाधन समेत कई मंत्रिपद उनसे छीन लिए थे। उन पर यह आरोप लगा था कि वह पानी को लेकर भेदभाव कर रहे हैं और  ऐसे में जल संकट की समस्या हो गई थी। पद छिनने से नाराज कपिल मिश्रा ने बगातवी रुख अख्ति़यार कर लिया था। यहां पर कि वे राजघाट पर अनशन पर भी बैठे थे।

एक हार के बाद मिली जीत

कानून मंत्री तक का पद संभाल चुके कपिल मिश्रा का कानून की डिग्री से कोई नाता नहीं है। उन्होंने तो दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क से मास्टर्स किया है। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कपिल मिश्रा करावल नगर सीट से चुनाव हार गए थे, लेकिन 2015 के चुनाव में उन्होंने चार बार से लगातार जीत रहे भाजपा के मोहन सिंह को 40 हजार से भी ज्यादा वोटों से मात देकर सबको हैरान कर दिया था।

यहां पर बता  दें कि 23 फरवरी, 2015 को शपथ ग्रहण समरोह में कपिल मिश्रा एकमात्र ऐसे विधायक थे, जिन्होंने अपनी शपथ संस्कृत में ली थी। कपिल मिश्रा का परिवार मूलतः उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से ताल्लुक रखता है और वह अपने परिवार के साथ दिल्ली के यमुना विहार इलाके में रहते हैं।

मोदी की तारीफ करते रहे हैं कपिल मिश्रा
अरविंद केजरीवाल की ही तरह अपने चटख और तीखे बयानों के लिए मशहूर कपिल मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के कटु आलोचक थे। दो साल के दौरान AAP में भ्रष्टाचार और केजरीवाल की मुखालफत कर रहे कपिल मिश्रा पिछले कई महीने से पीएम मोदी की तारीफ भी कर रहे थे। विधानसभा तक में वह भाजपा के नेताओं के साथ प्रदर्शन कर चुके हैं।

MCD चुनाव में हार के बाद मचा था पार्टी में घमासान
वर्ष, 2017 में हुए दिल्ली नगर निगम (Municipal corporation of Delhi) चुनाव में हार के बाद से आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) में घमासान मच गया था। AAP के कई नेताओं पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने ही गंभीर आरोप लगाए थे। इन्हीं आरोपों के चलते ​दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र कहे जाने वाले कपिल मिश्रा से पर्यटन और जल संसाधन समेत सभी मंत्रालय छीन कर उनकी पार्टी कैबिनेट से छुट्टी कर दी गई था।

कम उम्र में बने मंत्री

36 वर्षीय कपिल का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प रहा है। इसमें कोई शक नहीं है आम आदमी पार्टी को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थामने वाले कभी अरविंद केजरीवाल के काफी करीब थे। यही वजह है कि AAP 67 विधायकों में से जब मंत्री पद की बात आई तो उन्होंने कपिल मिश्रा को चुना और कानून मंत्री-पर्यटन मंत्री के साथ कई और मंत्रालय भी उन्हें सौंपे। करावल नगर सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक एवं जल बोर्ड के पूर्व वाइस चेयरमैन रहे कपिल मिश्रा दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री भी रह चुके हैं। 

BJP की पूर्व मेयर के बेटे हैं कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा को राजनीति विरासत में मिली है। उनकी मां अन्नपूर्णा मिश्रा पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal corporation) में भारतीय  जनता पार्टी से पूर्व मेयर भी रह चुकी हैं। यह भी कम हैरानी की बात  नहीं है कि जब अन्ना आंदोलन शुरू हुआ तो परिवार की राजनीतिक विचाराधारा से खिलाफ कपिल ने अपनी नई राह चुनी। इसके बाद वह अन्ना आंदोलन का सफर तय करते हुए आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। कपिल अपनी कर्मठता और सक्रियता के चलते जल्द ही अरविंद केजरीवाल के चहेते विधायकों में शुमार हो गए और केजरीवाल ने उन्हें इसका इनाम भी दिया। 

'यूथ ऑफ जस्टिस' के को-फाउंडर भी रहे कपिल
बता दें कि कपिल मिश्रा राजनीति में सक्रिय होने से पहले 'यूथ ऑफ जस्टिस' नाम के संगठन के को-फाउंडर भी रहे। इस संगठन की ओर से उन्होंने जेसिका लाल मर्डर केस से लेकर किसानों की समस्याओं के मुद्दों पर कई बार विरोध-प्रदर्शन किया था। कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के साथ उनके एनजीओ 'परिवर्तन' के साथ-साथ अन्ना आंदोलन में भी अपनी अहम भूमिका निभाई थी। 

किताब भी लिख चुके हैं कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा अध्ययन के साथ लेखन में भी हाथ आजमा चुके हैं। उन्होंने कॉमनवेल्थ खेलों में डेवलपमेंट के नाम पर हो रह धांध्ली के विषय को उठाते हुए 'इट्स कॉमन वर्सेज वेल्थ' नाम की किताब भी लिखी है। कपिल के पास एमनेस्टी इंटरनेशनल और ग्रीनपीस जैसे अंतरराष्ट्रीय एनजीओ में काम करने का अनुभव भी है।

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