दिल्लीः अलका लांबा आम आदमी पार्टी से देंगी इस्तीफा, निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान

चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे देंगी। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 04 Aug 2019 03:37 PM (IST) Updated:Sun, 04 Aug 2019 10:14 PM (IST)
दिल्लीः अलका लांबा आम आदमी पार्टी से देंगी इस्तीफा, निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान
दिल्लीः अलका लांबा आम आदमी पार्टी से देंगी इस्तीफा, निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान

नई दिल्ली[निमिष हेमंत]। चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से जल्द ही इस्तीफा दे सकती हैं। उन्होंने अपनी विधानसभा में जनता से रायशुमारी के बाद यह फैसला लिया है कि वह पार्टी छोड़ देंगी। रविवार दोपहर में कश्मीरी गेट के तिकोना पार्क में उन्होंने कार्यकर्ता सम्मान समारोह आयोजित किया था। बताया जाता है कि उसी में यह फैसला लिया गया।

दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत करते हुए अलका लांबा ने कहा कि जनता से रायशुमारी के बाद औपचारिक रुप से फैसला लिया गया है कि आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। अलका लांबा ने स्पष्ट किया कि वह पार्टी छोड़ देंगी। अलका ने कहा कि जनता से रायशुमारी के बाद हमने फैसला लिया है कि अगला विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ूंगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज को खुली चुनौती देते हुए अलका लांबा ने कहा कि वह पार्टी से निकाल कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे। अलका ने आरोप लगाया कि  आम आदमी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं बचा है।

सौरभ भारद्वाज ने साधा अलका लांबा पर निशाना
अलका लांबा के पार्टी छोड़ने वाले बयान पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर रहा कि वह पहले भी इस तरह की कई बार घोषणाएं कर चुकी हैं। सौरभ ने कहा कि अगर वह पार्टी छोड़ना चाहती हैं तो पार्टी नेतृत्व को इस्तीफा भेंजे। उनका इस्तीफा ट्विटर पर भी स्वीकार कर लिया जाएगा।

अलका लांबा ने 2020 में AAP से रिश्ता तोड़ने का किया था ऐलान
इससे पहले मई महीने में पार्टी में उपेक्षित चांदनी चौक की विधायक अलका लांबा ने कहा था कि वह अगले वर्ष (2020) तक पार्टी से नाता तोड़ लेंगी। अगले वर्ष ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है, जिसमें AAP द्वारा अलका को टिकट देने की संभावना न के बराबर है हालांकि, अलका ने यह नहीं बताया था कि आम आदमी पार्टी को त्यागने के बाद वह किस पार्टी में जाएंगी।

उधर, राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि वह कांग्रेस पार्टी का रुख कर सकती हैं। AAP से पहले वह कांग्रेस पार्टी में ही थीं। वहीं, पूर्व में उन्होंने बताया था कि भाजपा के कुछ नेता भी उनसे संपर्क में थे। पिछले कुछ माह से पार्टी और अलका के संबंध ठीक नहीं चल रहे थे। इस कारण वह लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार से भी दूर थीं।

वाट्सएप ग्रुप हटाया गया था
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद यह तल्खी तब और बढ़ गई थी जब उन्हें पार्टी विधायकों के वाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया था, हालांकि एक ट्वीट में एडमिन दिलीप पांडे का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि उनका कोई कसूर नही है, उनसे तो बस हटवाया गया है। वह तो एक शानदार व्यक्तित्व के आदमी हैं, मेहनती और ईमानदार हैं। अलका ने कई ट्वीट कर पार्टी हाईकमान पर निशाना साधा था।

एक भावुक ट्वीट में उन्होंने कहा था कि 2013 में आप के साथ शुरू हुआ मेरा सफर 2020 में समाप्त हो जाएगा। मेरी शुभकामनाएं पार्टी के समर्पित क्रांतिकारी जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा रहेंगी। AAP के साथ पिछले 6 साल यादगार रहेंगे। आप से बहुत कुछ सीखने को मिला। आभार। वहीं, बगावती अंदाज में एक अन्य ट्वीट में उन्होंने AAP मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से राष्ट्रीय संयोजक का पद संजय सिंह को सौंपने की पैरोकारी की थी।

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