कनॉट प्लेस के बाद गगनचुंबी इमारतों का हब बनेगा यह इलाका, जानिए हर बिल्‍डिंग की खासियत

पुरानी दिल्ली से सटा इलाका गगनचुंबी इमारतों का हब होगा। यहां आठ गगनचुंबी इमारतें आने वाले दो-तीन वर्षों में दिखाई देगी। इसके बाद इस इलाके की अलग ही पहचान होगी। सबसे ज्यादा रौनक तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुर्नविकास में 40 मंजिला इमारत और एयरपोर्ट जैसा होगा।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 08:22 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 08:22 PM (IST)
कनॉट प्लेस के बाद गगनचुंबी इमारतों का हब बनेगा यह इलाका, जानिए हर बिल्‍डिंग की खासियत
गनचुंबी इमारतों का हब बनेगा दिल्‍ली। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, निहाल सिंह। राजधानी में अब तक गगनचुंबी इमारतों के लिए केवल कनॉट प्लेस को ही हब माना जाता था। चाहे आलीशान पांच सितारा होटल हो या फिर ऊंची-ऊंची इमारतों वाले दफ्तर। यह कनॉट प्लेस की शान और पहचान हैं। परंतु कनॉट प्लेस के बाद पुरानी दिल्ली से सटा इलाका गगनचुंबी इमारतों का हब होगा। यहां एक नहीं दो नहीं बल्कि आठ गगनचुंबी इमारतें आने वाले दो - तीन वर्षों में दिखाई देगी। इसके बाद इस इलाके की अलग ही पहचान होगी। सबसे ज्यादा रौनक तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुर्नविकास में 40 मंजिला इमारत और एयरपोर्ट जैसा आकर्षण होगा। इस स्टेशन पर चार गगनचुंबी टावरों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा चार और ईमारतें हैं जो इस क्षेत्र को गगनचुंबी इमारतों का हब बना देंगी। जाने कौन सी होगी वह पांच बड़ी गगनचुंबी इमारतें जिससे इस इलाके की पहचान बदल जाएगी।

सिविक सेंटर

यह पहले ही हैं। 101 मीटर ऊंची यह इमारत 28 मंजिला हैं। ऊपर हेलीकॉप्टर के उतरने के लिए हेलीपैड भी बने हुए हैँ। नीले रंग के शीशों से बनी यह इमारत बहुत ही आकर्षक लगती है। इसकी ऊपरी मंजिल से पूर्वी दिल्ली में शाहदार और दक्षिणी दिल्ली में लोटस टैंपल और उत्तरी दिल्ली में भलस्वा लैंडफिल साइट तक का इलाका आसानी से देखा जा सकता है। यहां फिलहाल उत्तरी और दक्षिणी निगम का मुख्यालय हैं। दिल्ली में दस किलोमीटर दूर से ही यह इमारत दिखने लगती है। रामलीला मैदान के सामने बने इस सिविक सेंटर का निर्माण वर्ष 2006 में शुरू हुआ था। वर्ष 2012 में इसका उद्धाटन हुआ था। इससे पहले एकीकृत निगम का मुख्यालय चांदनी चौक में टाउन हॉल में चलता था। वर्ष 2011 में निगम का विभाजन हो गया तो 2012 में निगम चुनाव के बाद तीन में दो निगम (उत्तरी और दक्षिणी ) का यहां पर मुख्यालय बना दिया। फिलहाल यहां पर एक ब्लॉक में आयकर विभाग का कार्यालय भी हैं। इसका निर्माण उस समय 641 करोड़ रुपये में हुआ था।

लोकनायक अस्पताल

सिविक सेंटर कुछ ही कदम की दूरी पर लोकनायक अस्पताल हैं। यह दिल्ली का बहुत पुराना अस्पताल है। यह इमारत 25 मंजिला होगी। इसमें दो भूतल और एक ग्राउंड फ्लोर होगा। अस्पताल के हिस्से में बनने जा रही इस इमारत का कार्य शुरू हो गया है। यहां पर आधुनिक सेवाओं से लैस अस्पताल बनाया जा रहा है। यह पूरी से मल्टी स्पेशलिटी ब्लॉक होगा। अस्पताल के इस ब्लॉक का निर्माण का डिजाइन किसी निजी होटल से कम नहीं होगा। यह बाहर से देखने में बहुत ही खूबसूरत लगेगी। इस इमारत को 1,08 590 वर्ग मीटर में बनाया जा रहा है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन

फिलहाल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन किसी पहचान का मोहताज नहीं हैं। रेल से सफर करने वालों का कभी-कभी इस रेलवे स्टेशन से वास्ता पड़ा होगा लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में यह रेलवे स्टेशन किसी विश्वस्तरीय एयरपोर्ट से भी कम नहीं दिखेगा। यहां रेलवे स्टेशन के पुर्नविकास के लिए 40 मंजिला होटल भी होंगे। इसके चार टावर होंगे। इन होटलों में पांच सितारा होटलों जैसी सुविधा होगी। रेल यात्री यहां पर शुल्क देकर रह सकेंगे। जिस प्रकार से एयरपोर्ट के आस-पास होटलों में ठहरने की व्यवस्था होती है उसी प्रकार इन होटलों में होगी।

निगम की मिंटो रोड परियोजना

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और सिविक सेंटर के बीच निगम के अधिकारियों के लिए बने प्लैट की जगह पर एक इमारत बननी प्रस्तावित है। यहां पर व्यावसायिक कांप्लेक्स के साथ सरकारी आवास भी बनने हैं। 18 मंजिल की प्रस्तावित इस इमारत को निगम ने आयकर विभाग को देने के लिए बात की थी। इसमें आयकर विभाग ने सैद्धांतिक सहमति भी दी थी। 600 करोड़ की लागत से इस परियोजना को पूरा किया जाना था। इसके एवज में आयकर विभाग 3900 करोड़ रुपये निगम को देता, लेकिन लॉकडाउन के बाद सरकारी विभागों में हुई फंड की कमी के बाद यह मामला फिलहाल अधर में लटक गया। हालांकि आज नहीं तो कल यहां पर निगम की बहुमंजिला इमारत बनाने का प्रस्ताव सिरे जरूर चढ़ेेगा, क्योंकि मध्य दिल्ली में ऐसी प्राइम लोकेशन पर जगह मिलना मुश्किल हैं।

पहले छपता था केंद्र का बजट अब बन रही हैं बहुमंजिला इमारत

मिंटो रोड पर ही केंद्र सरकार की प्रीटिंग प्रेस थी लेकिन इमारत पुरानी होने की वजह से यहां पर अब बहुमंजिला इमारत बन रही है। इमारत का काफी कार्य पूरा भी हो चुका है। यहां पर पहले केंद्र सरकार के विभिन्न सरकारी दस्तावेज प्रकाशित होते थे साथ ही केंद्र सरकार का वित्तीय बजट का प्रकाशन भी यहां से होता था।

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