Delhi: बेरोजगारी से परेशान शिक्षक ने त्योहार मनाने के लिए साथियों को लिखा खत

नजफगढ़ झड़ोदा कला और समालखा स्थित जीबीएसएस स्कूलों में विज्ञान पढ़ा चुके अतिथि शिक्षक दिनेश बाबू ने बेरोजगारी से परेशान होकर शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत कार्यरत सभी शिक्षकों को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने अपनी परेशानी बयां की है।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 09:39 AM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 09:39 AM (IST)
Delhi: बेरोजगारी से परेशान शिक्षक ने त्योहार मनाने के लिए साथियों को लिखा खत
लॉकडाउन के दौरान से ही रोज पढ़ा कर कमाने वाले ज्यादातर अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। कोरोना महामारी के चलते दिल्ली में सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद हैं। फिलहाल स्कूलों को बंद करने की स्थिति 30 नवंबर ही, हालांकि दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस अनिश्चित काल के लिए बंद करे का एलान किया है। वहीं लॉकडाउन के दौरान से ही रोज पढ़ा कर कमाने वाले ज्यादातर अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं। उनके पास कमाने का कोई जरिया ही नहीं रहा। कई ने तो सब्जी का ठेला, पंचर की दुकान खोलकर, अचार बेचकर और पकौड़े तलकर अपना व अपने घर वालों का पेट पाला। उनमें से कई ऐसे भी है बेरोजगारी के चलते त्योहार तक नहीं मना सके।

ऐसे ही नजफगढ़, झड़ोदा कला और समालखा स्थित जीबीएसएस स्कूलों में विज्ञान पढ़ा चुके अतिथि शिक्षक दिनेश बाबू ने बेरोजगारी से परेशान होकर शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत कार्यरत सभी शिक्षकों को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने अपनी परेशानी बयां की है। दिनेश के मुताबिक सीटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण न हो पाने के कारण लॉकडाउन के दौरान उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया था। उन्हें उनके कार्य का वेतन भी नहीं दिया गया था।

उन्होंने परिवार के पालन-पोषण के लिए अपने दो मित्रों से करीब 20 हजार रुपये उधार लिए थे। रुपये लौटाने के लिए उन्होंने नौकरी से कार्यमुक्त किए जाने के बाद 300 रुपये रोजाना की मजदूरी की। अब तक उन्होंने अपने एक मित्र को 12 हजार रुपये वापस भी कर दिए हैं। हालांकि, दूसरे मित्र के रुपये अभी वापस करने बाकी हैं।

दिनेश के मुताबिक दीवाली के आसपास उन्हें काम नहीं मिला था। जिसके चलते उनके पास त्योहार मनाने तक के पैसे नहीं थे। उन्होंने अपने सभी मित्र शिक्षकों से पत्र लिखकर दो हजार रुपये उधार मांगे थे, ताकि वह अपने परिवार के साथ त्योहार मना सके। 

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