बकाया फंड पर निगमों ने डाली केजरीवाल के पाले में गेंद

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार से नगर निगमों के हिस्से का बकाया फंड न मिलने पर तीनों निगमों के मेयर जनता दरबार में शामिल होने के लिए पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Aug 2018 09:03 PM (IST) Updated:Mon, 27 Aug 2018 09:03 PM (IST)
बकाया फंड पर निगमों ने डाली केजरीवाल के पाले में गेंद
बकाया फंड पर निगमों ने डाली केजरीवाल के पाले में गेंद

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार से नगर निगमों के हिस्से का बकाया फंड न मिलने पर तीनों मेयर ने गेंद इस बार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पाले में डाल दी है। पिछले चार माह से मुख्यमंत्री से मिलने का समय न मिलने पर वे जनता दरबार में शामिल होने के लिए पहुंचे। इसके बाद केजरीवाल ने उन्हें अपने सचिवालय में बुलाया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सिविक सेंटर में प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि इस बार सकारात्मक बातचीत हुई है और उम्मीद है कि 10-12 दिन में दिल्ली सरकार से पैसा मिल जाएगा।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर आदेश गुप्ता ने कहा कि चार माह से हम मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे थे। जवाब नहीं मिलने पर तीनों मेयर सोमवार को जनता दरबार में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर सुबह साढे़ आठ बजे पहुंचे। इसके बाद केजरीवाल ने अपने सचिवालय में मिलने के लिए बुलाया। वहां उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे। गुप्ता ने कहा कि निगमों ने अपने वित्तीय संकटों से उन्हें अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने इस पर अधिकारियों से चर्चा के लिए सात से दस दिन का समय मांगा है।

गुप्ता ने बताया कि निगम को मासिक वेतन जारी करने के लिए 295 करोड़ रुपये की जरूरत होती है, लेकिन फंड जारी नहीं होने की वजह से कर्मचारियों को नियमित तौर पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। निगम सुधार फंड के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 की 372 करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी नहीं की गई। शहरी विकास और परिवहन क्षेत्र के लिए 1202 करोड़ रुपये जारी किए जाने चाहिए ताकि सफाई और अन्य कार्य किये जा सकें। इसके साथ ही दिल्ली सरकार को तीसरे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार 1431 करोड़ रुपये जारी करने चाहिए।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर नरेंद्र चावला ने कहा कि निगम को शहरी विकास परिवहन, शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट में प्रस्तावित धनराशि भी पूरी नहीं दी जा रही है। इस वर्ष शहरी विकास और परिवहन के लिए फंड नहीं जारी किया गया। वर्ष 2015-16 के दौरान 853.93 करोड़ रुपये, 2016-17 के दौरान 641.56 करोड़ व वर्ष 2017-18 के दौरान 896.33 करोड़ रुपये कम जारी किए गए हैं। स्वच्छता, झुग्गी, झोपड़ी और कॉलोनियों में सुविधाओं, सामुदायिक केंद्रों और सड़कों के विकास के लिए 2018-19 में कम से कम 505 करोड़ रुपये आवंटित करने की माग की है।

124 करोड़ रुपये की तत्काल जरूरत

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर बिपिन बिहारी सिंह ने बताया कि शहरी विकास क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 की धनराशि का आवंटन नहीं किया गया। मार्च 2018 तक ग्रेच्युटी के लिए 124 करोड़ रुपये की तुरंत आवश्यकता है। चौथे वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार 1005 करोड़ रुपये जरूर जारी किए जाने चाहिए।

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