एम्स फिल्मों के माध्यम से पढ़ाएगा स्वच्छता का पाठ

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : एम्स में स्वच्छता को बढ़ावा देने व मरीजों की बढ़ती भीड़ के बीच सुचारु व्यवस

By JagranEdited By: Publish:Thu, 19 Apr 2018 08:09 PM (IST) Updated:Thu, 19 Apr 2018 08:09 PM (IST)
एम्स फिल्मों के माध्यम से पढ़ाएगा स्वच्छता का पाठ
एम्स फिल्मों के माध्यम से पढ़ाएगा स्वच्छता का पाठ

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : एम्स में स्वच्छता को बढ़ावा देने व मरीजों की बढ़ती भीड़ के बीच सुचारु व्यवस्था के लिए पांच एनिमेटेड फिल्में तैयार की जा रही हैं। इन एनिमेटेड फिल्मों को एम्स में एलईडी स्क्रीन पर दिखाया जाएगा। एम्स इनके माध्यम से मरीजों व तीमारदारों को स्वच्छता व शालीनता का पाठ पढ़ाएगा। साथ ही संस्थान के कर्मचारियों को जैविक कचरा प्रबंधन व संक्रमण नियंत्रण के प्रति जागरूक करेगा।

उल्लेखनीय है कि एम्स में प्रतिदिन करीब 10 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। हर मरीज के साथ दो से तीन तीमारदार होते हैं। इस तरह एम्स में प्रतिदिन भारी संख्या में लोगों की आवाजाही रहती है। इसके मद्देनजर अलग-अलग थीम पर फिल्में तैयार की जा रही हैं। इनमें लोगों को बताया जाएगा कि अस्पताल में कूड़ा न फैलाएं। अस्पताल में जगह-जगह थूकने पर भी गंदगी व संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। ओपीडी पंजीकरण के लिए लाइनों में लोग धक्कामुक्की करते हैं इसलिए कतार में खड़ा होने का सलीका भी फिल्म के माध्यम से बताया जाएगा।

एम्स के मीडिया प्रोटोकॉल डिवीजन की चेयरपर्सन डॉ. आरती विज ने कहा कि तीन फिल्में तैयार हो गई हैं। ये मरीजों व तीमारदारों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। वेटिंग एरिया में लगे स्क्रीन पर इन्हें प्रसारित किया जाएगा। फिल्म के माध्यम से लोगों को कूड़ा न फैलाने, जगह-जगह न थूकने, लाइन में ठीक से खड़े रहने आदि की सलाह दी जाएगी। दो अन्य फिल्में अस्पताल में जैविक कचरा प्रबंधन व संक्रमण नियंत्रण के लिए तैयार की जा रही हैं। इनके माध्यम से अस्पताल के कर्मचारियों को जैविक कचरा प्रबंधन व अस्पताल में संक्रमण नियंत्रण का तरीका बताया जाएगा। जैविक कचरा प्रबंधन के लिए तैयार किया गया एप

अस्पतालों में जैविक कचरे का निस्तारण बड़ी समस्या रही है। खासतौर पर सरकारी अस्पतालों में सफाई की कमी का एक कारण जैविक कचरे का सही प्रबंधन नहीं होना भी है। इसके मद्देनजर एम्स ने जैविक कचरा प्रबंधन के लिए एक मोबाइल एप तैयार किया है। इस एप की मदद से कर्मचारियों को जैविक कचरा प्रबंधन में प्रशिक्षित किया जा सकता है। एम्स का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भी इस एप को स्वीकृति दे दी है। इसको एंड्रॉयड फोन प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। कई अस्पताल इस एप का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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