जनता की अदालत में होगा फैसला -सिसोदिया

फोटो फाइल नंबर 15डीईएल 606 से 608 तक चुनावी माहौल गरमाने के साथ ही दिल्ली में आरोप-प्रत्यारोप का

By Edited By: Publish:Thu, 15 Jan 2015 10:15 PM (IST) Updated:Thu, 15 Jan 2015 10:15 PM (IST)
जनता की अदालत में होगा फैसला -सिसोदिया

फोटो फाइल नंबर 15डीईएल 606 से 608 तक

चुनावी माहौल गरमाने के साथ ही दिल्ली में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय पर बिजली वितरण कंपनियों से साठगांठ रखने का आरोप लगाया है। सतीश उपाध्याय ने इस पर सफाई भी दी है लेकिन आप ने भाजपा पर सियासी हमले जारी रखे हैं। राजधानी के सियासी माहौल पर मुख्य संवाददाता वीके शुक्ला ने दिल्ली सरकार के पूर्व शहरी विकास मंत्री और आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश-

-चुनावी माहौल में व्यक्तिगत आरोप लगाना कितना जायज है?

-देखिए, हम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पर कोई भी व्यक्तिगत आरोप नहीं लगा रहे हैं। हम उनसे यही तो पूछ रहे हैं कि जो बिजली वितरण कंपनियां दिल्ली की जनता को लूट रही हैं, उन पर भाजपा मेहरबान क्यों है? पहले शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार इन कंपनियों पर मेहरबान रही। यही भाजपा विपक्ष में होने पर बिजली वितरण कंपनियों को लेकर कांग्रेस को घेरती थी लेकिन अब वह इन्हें लेकर नरम रुख अपना रही है, आखिर क्यों? हम यही तो लोगों को समझा रहे हैं कि ऐसी विवादित कंपनियों के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अपना रिश्ता क्यों जोड़ रहे हैं। सीधा सा मामला है जब बिजली वितरण कंपनियों से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लाभ लेते रहे हैं तो इस बात की पूरी गुंजाइश है कि ये कंपनियां उनके माध्यम से अपना हित साध रही हैं। क्योंकि यह बात सिद्ध हो चुकी है कि उनकी कंपनियां बिजली वितरण कंपनियों के तेज भागने वाले मीटर लगाने का काम करती रही हैं।

-आप बिजली को लेकर ही हो-हल्ला क्यों कर रही है, दिल्ली में और भी समस्याएं हैं?

-बिजली ऐसी समस्या है जिससे आम और खास सभी परेशान हैं। दो -तीन साल पहले जो बिजली के मीटर लगाए गए थे वे तेज भाग रहे हैं। जिस आदमी का बिजली का बिल 5 सौ रुपये आना चाहिए उसका बिल दो हजार आ रहा है। बिजली वितरण कंपनियां मुनाफे में चल रही हैं और जनता का शोषण करने पर आमादा हैं? हम चाहते हैं कि जनता को इन कंपनियों की असलियत पता चले। हम लोगों ने दिल्ली की सत्ता में आने पर बिजली के दामों में 50 फीसद की कमी कर दी थी, मगर हमारी सरकार के जाने पर इसे रद कर दिया गया। बिजली वितरण कंपनियों के खिलाफ जो ऑडिट शुरू किया गया था उसे भी रोक दिया गया।

-माना जा रहा है कि दिल्ली में बिजली कटौती के मामले में पहले से सुधार हुआ है, सरकार का मानना है कि व्यवस्थाएं बेहतर करने के लिए पैसे की भी जरूरत होती है?

-बिजली का मुद्दा हमारे एजेंडे में मुख्य रूप से शामिल है। इसे हम जनता के बीच ले जाएंगे। जनता से ही पूछा जाएगा कि बिजली वितरण कपंनियों से वह कितनी संतुष्ट है। हम जनता से पूछेंगे कि क्या वह बिजली के दाम में 50 फीसद की कटौती करने वाली आप की सरकार चाहती है या फिर बिजली के दाम बढ़ाने वाली सरकार। भाजपा के पास दिल्ली में बिजली उत्पादन व बिजली वितरण में सुधार को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है। भाजपा सिर्फ आप की घोषणाओं और योजनाओं की नकल करती है। जबकि सच्चाई यह है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने दिल्ली में बिजली की दरों में 30 फीसदी की कमी का वादा किया था। मगर आज तक उसने अपना वादा नहीं निभाया।

-आप इस चुनाव को किस रूप में ले रही है?

हालात पहले से बहुत बेहतर हैं जनता फिर से आप की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है। हमारा अनुमान है कि हमें 45 से अधिक सीटें मिलेंगी। माहौल बहुत तेजी से बदल रहा है, महिलाएं, बुजुर्ग व युवा स्वयं आकर हमसे मिल रहे हैं। आप के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए भाजपा घबरा गई है और हड़बड़ी में गलत निर्णय ले रही है। इससे भाजपा बिखर रही है।

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