चुनाव नजदीक आते ही मतदाताओं को रिझाने में जुटे नेता
संजय सलिल, बाहरी दिल्ली : फरवरी में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर इलाके में एक तरफ जहां राजनीतिक सर
संजय सलिल, बाहरी दिल्ली : फरवरी में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर इलाके में एक तरफ जहां राजनीतिक सरगर्मी तेज होती दिख रही है, वहीं दूसरी तरफ चुनाव में दमखम ठोंकने वाले नेता भी अभी से मतदाताओं को रिझाने में जुट गए हैं। यही कारण है कि कोई गरीबों के बीच कंबल व गर्म कपडे़ बांट रहा है तो कोई महिलाओं को जूते बांटने में लगा है। हालांकि नेताओं की इस कवायद का मतदाताओं पर कितना असर पडे़गा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन नेता अभी से कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते हैं।
गत विधानसभा चुनाव में मुंडका से निर्दलीय जीत हासिल करने वाले रामबीर शौकीन पिछले कई दिनों से क्षेत्र की महिलाओं को जूते बांट रहे हैं। उनकी मानें तो वह अब तक करीब पचास हजार से अधिक महिलाओं को जूते बांट चुके हैं और उनका लक्ष्य 81 हजार महिलाओं को जूते बांटने का है। वह कहते हैं कि पिछले पांच सालों से इस कार्य को हर साल करते आ रहे हैं। उनका मानना है कि यह कार्य वह राजनीतिक लाभ उठाने के मकसद से नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव की घोषणा होते ही आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में वह इससे पहले ही यह काम कर लेना चाहते हैं। मुंडका से ही गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे डा. नरेश कुमार भी गरीबों के बीच कंबल व गर्म कपड़े बांटकर उन्हें रिझाने में जुटे हैं। कांग्रेस इस बार उन्हें उम्मीदवार बनाएगी या नहीं, अभी यह तय नहीं हो सका है, लेकिन वह कंबल बांटने के बहाने वह मतदाताओं के बीच पहुंचकर अपनी जमीन तैयार करने में लगे हैं। वह कहते हैं कि यह मानवता की सेवा है। इसमें कोई राजनीति नहीं है। वह हर साल ऐसा करते हैं, लेकिन वह यह जरूर स्वीकार करते हैं कि चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है। इसी तरह से रोहिणी, मंगोलपुरी, सुलतानपुरी, नरेला आदि क्षेत्रों में भी नेता मतदाताओं को रिझाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। बहरहाल, यह हथकंडा कितना कामयाब होगा, यह तो चुनाव के परिणाम से ही पता चलेगा।