रास नहीं आ रहा बस से दफ्तर आना-जाना

By Edited By: Publish:Fri, 14 Feb 2014 10:36 PM (IST) Updated:Fri, 14 Feb 2014 10:38 PM (IST)
रास नहीं आ रहा बस से दफ्तर आना-जाना

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : सार्वजनिक वाहनों की सवारी को बढ़ावा देने के मकसद से पेट्रोलियम मंत्री द्वारा सप्ताह में कम से कम एक दिन बस से दफ्तर आने-जाने की अपील अधिकारियों को रास नहीं आ रही है।

दिल्ली सरकार के तमाम विभागों में तैनात वह अधिकारी, जिन्हें सरकारी गाड़ी मिली हुई है और जो अपने निजी वाहनों से दफ्तर आते-जाते हैं, सभी पहले की तरह ही गाड़ी से दफ्तर आ-जा रहे हैं। यहां तक कि परिवहन विभाग के वह अधिकारी, जिन्होंने सभी सरकारी कर्मचारियों को कम से कम बुधवार के दिन डीटीसी बस से आने-जाने के लिए सर्कुलर जारी किया था, वह स्वयं भी सरकारी कार का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।

पेट्रोलियम मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय की अपील और दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा बुधवार को 'बस दिवस' मनाने का सर्कुलर जारी होने के बाद जो सरकारी गाड़ी चालक सुकून की उम्मीद कर रहे थे, उनकी स्थिति पहले जैसी ही है।

दिल्ली सरकार के अधिकारियों को घर से दफ्तर व अन्य जगहों पर लाने ले जाने के लिए तैनात 600 वाहन चालकों में से एक भी ऐसे नहीं मिले, जिन्हें बीते दो बुधवार को अधिकारियों ने ड्यूटी पर नहीं आने की बात कही हो।

दिल्ली सरकार वाहन चालक कल्याण समिति के प्रधान नरेंद्र सिंह कहते हैं सरकारी वाहन चालकों को मंत्रालय या फिर परिवहन विभाग से जारी सर्कुलर से कोई फर्क नहीं पड़ा है। जबकि सार्वजनिक वाहनों के प्रति अधिकारी व लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए ही सबसे पहले वाहन चालक कल्याण समिति ने गत वर्ष 14 अक्टूबर को पेट्रोलियम मंत्रालय को पत्र लिखकर एक दिन 'बस दिवस' के रूप में मनाने की सलाह दी थी। जिसके बाद दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने मांग मानते हुए बुधवार के दिन बस से दफ्तर आने-जाने के लिए लिखित आदेश जारी कर दिया था।

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