बिसाहड़ा कांड : 100 साल की मोहब्बत का दो मिनट में हो गया कत्ल

अमन के दुश्मनों ने महज दो मिनट में सौ साल के सौहाद्र का कत्ल कर दिया। गौ हत्या के अफवाह में इकलाख की हत्या से सुर्खियों में आया बिसाहड़ा गांव सौ साल से सौहार्द का प्रतीक था। 18 हजार जनसंख्या वाले इस गांव में करीब तीन सौ मुसलमान हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 02 Oct 2015 08:51 AM (IST) Updated:Fri, 02 Oct 2015 11:16 AM (IST)
बिसाहड़ा कांड : 100 साल की मोहब्बत का दो मिनट में हो गया कत्ल

नोएडा (ललित विजय)। अमन के दुश्मनों ने महज दो मिनट में सौ साल के सौहाद्र का कत्ल कर दिया। गौ हत्या के अफवाह में इकलाख की हत्या से सुर्खियों में आया बिसाहड़ा गांव सौ साल से सौहार्द का प्रतीक था। 18 हजार जनसंख्या वाले इस गांव में करीब तीन सौ मुसलमान हैं।

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गांव के मस्जिद की छत दो माह पहले टूट गई थी, जिसे हिंदुओं ने पैसा इकट्ठा कर ठीक कराया था। ऐसे गांव का सौहार्द महज दो घंटे में तार-तार हो गया। इसकी शुरुआत एक अफवाह से हुई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात करीब 9 बजे बीट कांस्टेबल गांव में गस्त पर निकला उस समय गांव के हालात सामान्य थे।

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कुछ समय बाद दो युवक गांव के मध्य स्थित बीज भंडार के ट्रांसफार्मर के पास पहुंचे। उन्हें प्लास्टिक में मांस का टुकड़ा और जानवर के अवशेष दिखे। दोनों को एक दुकानदार ने बताया कि इसे इकलाख ने यहां डाला है। वे गांव के मध्य स्थित मंदिर पहुंचे।

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मंदिर में जडौदा पांडा सहारनपुर गांव के रहने वाले पुजारी सुखबर दास सो रहे थे। दोनों ने रात करीब 10 बजे उन्हें जगाकर जबरन गोकशी की घोषणा करा दी। इतना सुनते ही गांव के कई युवा मंदिर पर इकट्ठा हो गए। वहां से वे इकलाख के घर की ओर निकल पड़े।

रास्ते में जिसने भी सुना वे उनके साथ हो लिए। इकलाख के घर पहुंचते-पहुंचते भीड़ करीब ढाई हजार के करीब हो गई। लोगों ने उसके घर पर जमकर हंगामा किया।

रात 10:46 पर पुलिस को सूचना दी गई। रात 11:05 बजे पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को इकलाख लहुलूहान हालत में सड़क पर पड़ा मिला। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।

एसओ सुबोध सिंह ने बताया कि बिसाहड़ा क्षेत्र का सबसे बड़ा गांव है, लेकिन आजतक इस गांव से एक भी मारपीट की शिकायत नहीं मिली थी। ऐसे गांव में इस प्रकार की घटना आश्चर्यजनक है।

गोहत्या के खिलाफ बने माहौल ने किया आक्रोशित

करीब एक माह पहले जारचा में दो समुदायों में मामूली टकराव हुआ था। एसओ सुबोध सिंह ने बताया कि इस घटना में समाधान सेना के अध्यक्ष गोविंद चौधरी का नाम सामने आया था। उसके खिलाफ गुंडा एक्ट में मामला दर्ज है। साथ ही वह जिलाबदर है।

इस घटना के पीछे गोहत्या को कारण बताया गया था। उस समय क्षेत्र में यह बात फैल गई थी कि आसपास गोहत्याएं हो रही हैं। इसके विरोध में कई संगठन जिसमें समाधान सेना, प्रताप सेना शामिल हैं, इकट्ठा हो रहे थे।

सभी संगठनों ने ततारपुर गांव के प्रधान राजीव राणा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर गोहत्या करने वालों को फांसी देने की मांग करने की योजना बनाई थी। इसके लिए 29 सितंबर की तिथि तय की गई।

इससे क्षेत्र में गोहत्या को लेकर गहमागहमी बनी हुई थी। बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर की रात गोहत्या की जानकारी मंदिर से घोषित होने की घटना ने आग में घी का काम किया। इसी का नतीजा है कि भारी संख्या में लोग अचानक एकत्र हो गए और एक युवक की हत्या कर दी गई।

कभी नहीं दी कुर्बानी

इकलाख के भाई जमील अहमद ने बताया कि उनके परिवार में कभी कुर्बानी नहीं दी गई। फ्रीज में जो मांस का टुकड़ा मिला है, उसे उन्होंने लोनी गाजियाबाद से भेजा था। गोहत्या की बात पूरी तरह से अफवाह थी। उनका गुस्सा पड़ोसियों से भी है। भीड़ के आक्रामक होने पर कोई पड़ोसी मदद करने आगे नहीं आया।

सीबीआइ जांच की मांग

इकलाख के भाई जमील अहमद और परिवार के अन्य सदस्यों को जारचा पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है।
उन्होंने मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है।


‘मौके पर मौजूद, लेकिन नहीं की हत्या’

इकलाख की हत्या के आरोप में पुलिस न जिन युवकों को गिरफ्तार किया है उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। गिरफ्तार युवकों ने बताया है कि वे वारदात के समय मौके पर मौजूद तो थे लेकिन हत्या में उनका कोई हाथ नहीं है। पुलिस को अबतक कोई गवाह भी नहीं मिला है। ऐसे में पुलिस के लिए उनपर आरोप साबित करना आसान नहीं होगा।

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आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश जारी

बिसाहड़ा गांव के फरार आरोपी सचिन, हरीओम, विशाल और शिवम को गिरफ्तार करने लिए नोएडा पुलिस
बुलंदशहर, सहारनपुर और दिल्ली में उनके रिश्तेदारों के घर दबिश दे रही है।

वहीं, मंदिर से घोषणा करने वाले दोनों युवकों को पकड़ने के लिए मुखबिरी का सहारा लिया जा रहा है। पुलिस को पता चला है कि एक युवक मोटा और दूसरा पतला था। दोनों की लंबाई साढ़े पांच फीट के आसपास थी।

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