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सांप्रदायिक बवाल में एक की हत्या, कई घायल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जारचा कोतवाली क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में पशुवध के विरोध ने सांप्रदा

By Edited By: Published: Tue, 29 Sep 2015 07:10 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2015 07:10 PM (IST)

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जारचा कोतवाली क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में पशुवध के विरोध ने सांप्रदायिक रूप ले लिया। एक संप्रदाय ने पिता-पुत्र पर पशुवध का आरोप लगाकर उनकी जमकर पिटाई की। इसमें पिता की मौत हो गई, पुत्र की हालत गंभीर है। पुलिस ने दूसरे संप्रदाय के कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया। इसके विरोध में जारचा थाने में आगजनी की कोशिश हुई। साथ ही मंगलवार को पुलिस और ग्रामीणो के बीच झड़प हुई। पुलिस फाय¨रग में ग्रामीणों ने तीन युवकों को घायल होने की जानकारी दी है। हालांकि पुलिस इससे इन्कार कर रही है। पूरे मामले की जांच का जिम्मा एडीएम राजेश यादव को सौंपा गया है। बवाल में दादरी सीओ अनुराग सिंह समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी व दो दर्जन ग्रामीण घायल हो गए। बिसहाड़ा व ऊंचा गांव में तनाव बरकरार है।

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पुलिस के आला अधिकारी गांवों में डेरा डाले हैं। शव का पोस्टमार्टम कराकर पुलिस ने परिजन को सौंप दिया है। मामले में दस लोगों के खिलाफ गैरइरातदन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बिसाहड़ा गांव में सोमवार रात साढ़े दस बजे ग्रामीणों ने लाउडस्पीकर पर सूचना दे दी कि एक समुदाय के किसी व्यक्ति ने गांव में पशुवध किया है। इसकेविरोध में गांव के लोग एकत्र हो गए। सैकड़ों लोगों ने गांव निवासी इरशाद के घर पर धावा बोल दिया। भीड़ ने इरशाद (50) की पीट-पीट कर हत्या कर दी, जबकि उसके बीस वर्षीय पुत्र दानिश की हालत नाजुक है। मारपीट में इसरामन और असगरी बेगम भी घायल हुई। इरशाद की बेटी साहिस्ता ने दस नामजद लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

पुलिस कार्रवाई के विरोध में दूसरे समुदाय के लोगों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दूसरे समुदाय ने सोमवार देर रात जारचा कोतवाली पहुंचकर रिपोर्ट नहीं दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया तो ग्रामीणों ने जारचा कोतवाली में आगजनी का प्रयास किया, लेकिन पुलिस बल ज्यादा होने से उपद्रवियों को खदेड़ दिया गया।

मंगलवार सुबह ऊंचा गांव में लोगों ने पंचायत की। साथ ही ऊंचा गांव के एक धार्मिक स्थल के पास एकत्र हो गए। पंचायत को रुकवाने पहुंची पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। आरोप है कि पुलिस ने फाय¨रग कर दी। इसमें ऊंचा गांव के राहुल और खंगौड़ा गांव के संजीव व एक अन्य को गोली लगी। तीनों को अलग-अलग जिलों के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद ग्रामीण बेकाबू हो गए। ग्रामीणों ने वाहनों में आगजनी कर बाजार की सारी दुकानें बंद करा दीं। तीन घंटे तक चले बवाल के बाद भारी संख्या में पुलिस और पीएएसी बल ऊंचा गांव और बिसाहड़ा गांव में तैनात किया गया है। मामले को लेकर आलाधिकारियों की एनटीपीसी गेस्ट हाउस में ग्रामीणों के साथ घंटों बैठक हुई, जिसमें लोगों ने पुलिस पर गोली चलाने और लाठीचार्ज का आरोप लगाया। पुलिस ने इससे इन्कार किया। पुलिस की ओर से चली गोली से तीन युवक घायल हुए हैं या नहीं, इसकी जांच का जिम्मा एडीएम को दे दिया गया है।

गाजियाबाद व बुलंदशहर में भी सतर्कता

जारचा में सांप्रदायिक बवाल के बाद गाजियाबाद पुलिस मसूरी में तैनात हो गई। बवाल का दायरा बढ़ने का अंदेशा होने के कारण मसूरी के लोगों को जारचा जाने से रोक दिया गया। बुलंदशहर एसएसपी अनंत देव को जारचा बुला लिया गया। साथ ही बुलंदशहर के विभिन्न क्षेत्रों में पुलिस को तैनात कर दिया गया।

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बिसाहड़ा गांव में हुए बवाल में दस लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ऊंचा गांव बवाल की जांच मजिस्ट्रेट करेंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की गोली से युवक के घायल होने की बात सामने आई तो कार्रवाई होगी।

- आशुतोष कुमार, डीआइजी, मेरठ रेंज


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