पूर्व ऑलराउंडर का बड़ा बयान, कहा- भारत को चोकर्स कहना गलत, हमने जीते हैं तीन विश्व कप

2011 विश्व कप के नायक रहे पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का मानना है कि टीम भारत इस बार विश्व कप के सेमीफाइनल के लिए अवश्य क्वालीफाई करेगी। आगामी वैश्विक टूर्नामेंट को लेकर विक्स के चीयर एंथम कार्यक्रम में पहुंचे युवराज सिंह ने कहा कि टीम भारत को चोकर्स कहना गलत है। क्योंकि भारत ने तीन विश्व कप जीते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 01 Oct 2023 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 01 Oct 2023 07:00 AM (IST)
पूर्व ऑलराउंडर का बड़ा बयान, कहा-  भारत को चोकर्स कहना गलत, हमने जीते हैं तीन विश्व कप
एक मैच के दौरान भारतीय टीम। फाइनल फोटो

नई दिल्ली, सुकांत सौरभ। 2011 विश्व कप के नायक रहे पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह का मानना है कि टीम भारत इस बार विश्व कप के सेमीफाइनल के लिए अवश्य क्वालीफाई करेगी। आगामी वैश्विक टूर्नामेंट को लेकर विक्स के चीयर एंथम कार्यक्रम में पहुंचे युवराज ने कहा कि टीम भारत को चोकर्स कहना गलत है, हमने तीन विश्व कप जीते हैं। सुकांत सौरभ ने आगामी विश्व कप को लेकर युवराज सिंह से विशेष बातचीत की, पेश हैं मुख्य अंश :

भारत की वर्तमान टीम में क्या कोई ऐसा क्षेत्र है जिस पर उन्हें विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है?

- मुझे लगता है कि हमारी टीम के पास गेम टाइम कम था, हमने अधिक वनडे नहीं खेले हैं क्योंकि अब टी-20 अधिक होती है। अच्छी बात यह है कि मध्यक्रम के सभी बल्लेबाज फार्म में आ गए हैं। सूर्य फार्म में हैं, श्रेयस फार्म में लौट आए हैं, केएल ने चोट से उभरने के बाद शतक लगाया, इशान लंबे समय से अच्छा कर रहे हैं, यह बहुत अच्छी बात है। कप्तान और कोच के लिए यह सिरदर्द है कि किन्हें खिलाएं और किन्हें बिठाएं। बुमराह ने सही समय पर टीम में वापसी कर ली है। इसलिए मुझे लगता है कि हमारा संयोजन अच्छा बन गया है। हालांकि, हमें पहले दो-तीन मैच में एक संतुलित संयोजन तैयार करना होगा। साथ ही हमें विकेट के अनुसार देखना होगा कि एक अधिक स्पिनर खेलेगा या तेज गेंदबाज खेलेगा।

ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध हमने जो अंतिम तीन वनडे खेले उसमें हमने देखा कि सभी पिचें सपाट थीं। क्या विश्व कप में भी हमें ऐसी ही पिचें देखने को मिलेंगी?

-मुझे लगता है कि ऐसी ही पिचें होंगी, हाई स्कोरिंग मैच होंगे। दूसरी बात यह है कि भारत में मैदान छेोटे भी हैं। अब जो नया नियम बना है, जिसमें पांच फील्डर 30 यार्ड के भीतर और दो नई गेंदें उससे बल्लेबाजों को अधिक लाभ तो मिलेता ही है। निश्चित रूप से सभी मैच हाई स्कोरिंग होंगे और जहां भी लो स्कोरिंग मैच हुआ तो मुझे ऐसा लगता है कि हमारे पास अब ऐसे गेंदबाज हैं जो उसे डिफेंड कर सकें।

2011 में हमारे बाद से अब तक जिस देश ने विश्व कप की मेजबानी की, वह चैंपियन बनता आया है। क्या हमने जो प्रारंभ किया था उसे इस बार जारी रख सकेंगे?

-मेरे अनुसार हमें इस तरह का दबाव नहीं लेना चाहिए। अगर आपको विश्व कप जीतना है तो आपको हर टीम को हराना पड़ेगा। आपको सर्वश्रेष्ठ टीम बनना ही पड़ेगा। अगर आप 1983 का विश्व कप देखें, हमने सर्वश्रेष्ठ टीम वेस्टइंडीज को हराया। 2011 में अगर आप देखेंगे तो हमने तात्कालिक सर्वश्रेष्ठ टीम आस्ट्रेलिया को हराया। अगर आपको यह विश्व कप जीतना है तो सर्वश्रेष्ठ टीम को हराना पड़ेगा। मेरे अनुसार सेमीफाइनल एक अत्याधिक दबाव वाला मैच होगा क्योंकि यह प्रारूप अलग है। उस मैच में एक अच्छी टीम का दबाव होगा, हमें उस दबाव वाले मैच को जीतना होगा। हालांकि, तब तक हम पहले से 10-11 मैच खेल कर पहुंचेंगे तो हमारे पास पर्याप्त गेम टाइम होगा। मुझे पूरी आशा है कि टीम भारत सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेगी।

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विगत 10 वर्षों से हमने एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है। हमारी टीम चोकर्स तो नहीं बनती जा रही है। दबाव वाले मैचों में टीम भारत को किन बिंदुओं पर ध्यान देना होगा?

-मेरी इसे लेकर बिल्कुल विपरीत अवधारणा है। चोकर वो होता है जिसने कभी कोई टूर्नामेंट नहीं जीता होता है और हर दबाव वाले मैच में हार गया होता है। हम तीन विश्व कप जीतने वाली टीम हैं। फाइनल में पहुंचकर हम दो बार हारे हैं। एक बार पाकिस्तानी टीम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया इसमें कोई संदेह नहीं है। और जब हम इस बार टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारे तब हमारे पास आईपीएल के बाद तैयारी के लिए हमारे पास केवल चार दिन थे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया पहले से वहां एक टेस्ट मैच खेल चुकी थी। इन चीजों पर कोई ध्यान नहीं देता कि तैयारी के लिए कितना समय मिला, टीम को कितना गेम टाइम मिला। इसमें कोई संदेह नहीं कि टीम ऑस्ट्रेलिया बहुत अच्छा खेली। मुझे नहीं लगता कि हम चोकर्स हैं। मैं इससे इन्कार नहीं कर रहा कि हमने लंबे समय से कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीता। पर कोई भी टीम ऐसी नहीं है जिसने लगातार ऐसा प्रदर्शन किया हो। मैं यह समझ रहा हूं कि हम भारतीय हैं तो हम टीम भारत की बात करेंगे, लेकिन मुझे लगता है कि हमारी टीम में क्षमता है कि हम बड़े मैच जीत सकें।

ऐसे वैश्विक टूर्नामेंट में जीत में आलराउंडरों की कितनी भूमिका होती है? इस बार टीम के एक्स फैक्टर कौन साबित होंगे?

- मुझे लगता है कि हार्दिक और जडेजा इस बार टीम के लिए बड़ा योगदान करते दिखेंगे। उन दोनों का प्रदर्शन हमारी टीम की सफलता के लिए बहुत अहम होगा।

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