वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने बीसीसीआइ को बातचीत का प्रस्ताव भेजा

वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआइसीबी) के अध्यक्ष डेव कैमरन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) से अगले दो महीने में द्विपक्षीय बातचीत या तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से विवाद का हल निकालने के लिए कहा है। यह विवाद कैरेबियाई टीम के पिछले साल भारत दौरा बीच में छोड़ने की वजह से

By ShivamEdited By: Publish:Wed, 28 Jan 2015 10:40 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jan 2015 10:44 PM (IST)
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने बीसीसीआइ को बातचीत का प्रस्ताव भेजा

जमैका। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआइसीबी) के अध्यक्ष डेव कैमरन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) से अगले दो महीने में द्विपक्षीय बातचीत या तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से विवाद का हल निकालने के लिए कहा है। यह विवाद कैरेबियाई टीम के पिछले साल भारत दौरा बीच में छोड़ने की वजह से पैदा हुआ था।

डब्ल्यूआइसीबी ने आइसीसी से इस मामले में दखल की मांग करते हुए बीसीसीआइ से क्षतिपूर्ति के लिए उसे भारतीय अदालतों में नहीं घसीटने की गुजारिश की है। ईएसपीएन क्रिकइंफो के अनुसार कैमरन ने बीसीसीआइ सचिव संजय पटेल को मंगलवार को ई मेल के जरिये प्रस्ताव भेजा है। बीसीसीआइ द्वारा वेस्टइंडीज बोर्ड को दिया गया एक सप्ताह का अल्टीमेटम मंगलवार को खत्म हो गया। कैमरन ने कहा, 'हम डब्ल्यूआइसीबी और बीसीसीआइ की जल्दी से जल्दी यानी 60 दिन के भीतर बैठक का प्रस्ताव रखते हैं। हमारा मानना है कि बातचीत के जरिये इस मसले का हल निकाला जाना चाहिए ताकि सभी पक्षों के हितों की रक्षा हो सके। हम फिर यही कहेंगे कि यह मसला भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है और इस मसले का हल पंचाट के जरिये निकाला जाना चाहिए।'

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उन्होंने पटेल के इस जवाब पर भी हैरानी जतायी कि डब्ल्यूआइसीबी की ओर से उन्हें इस मसले पर कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा, 'हम हैरान हैं कि आपके पत्र में सात नवंबर, 2014 के हमारे पत्र का कोई जिक्र नहीं है। इसके अलावा हमने इस मामले पर औपचारिक लिखित प्रस्ताव भी भेजा था।'पटेल ने कहा कि बीसीसीआइ का रवैया नरम रहा है और उसने कैरेबियाई बोर्ड को 40 दिन की मोहलत भी दी थी। कैमरन ने कहा कि डब्ल्यूआइसीबी बातचीत के जरिये मसले का हल निकालना चाहता है। उन्होंने कहा, 'हमारी स्थिति वही है जो हमने सात नवंबर, 2014 के पत्र में लिखी थी। हम चाहते हैं कि द्विपक्षीय या बहुपक्षीय बातचीत के जरिये मसला हल हो या कोई तीसरा पक्ष मध्यक्षता करे।'

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