शर्मनाकः स्पंज और बाल्टी लेकर मुंबई के क्रिकेटरों ने सुखाया मैदान

रविवार को बारिश और खराब रोशनी की वजह से मुंबई और रेलवे के बीच रणजी ट्रॉफी मैच के पहले दिन सिर्फ 8.2 ओवर का खेल हो सका था। मुंबई के खिलाड़ी जब राजधानी के करनैल सिंह स्टेडियम में सोमवार को दूसरे दिन खेलने आए, तो मैदान गीला था। दो घंटे

By ShivamEdited By: Publish:Mon, 15 Dec 2014 03:48 PM (IST) Updated:Tue, 16 Dec 2014 02:22 AM (IST)
शर्मनाकः स्पंज और बाल्टी लेकर मुंबई  के क्रिकेटरों ने सुखाया मैदान

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। रविवार को बारिश और खराब रोशनी की वजह से मुंबई और रेलवे के बीच रणजी ट्रॉफी मैच के पहले दिन सिर्फ 8.2 ओवर का खेल हो सका था। मुंबई के खिलाड़ी जब राजधानी के करनैल सिंह स्टेडियम में सोमवार को दूसरे दिन खेलने आए, तो मैदान गीला था। दो घंटे मैदान सुखाने के बाद सुपर सॉपर भी खराब हो गया। जम्मू-कश्मीर से पिछला मैच हार चुकी मुंबई की टीम दूसरे दिन का खेल बर्बाद होते हुए नहीं देखना चाहती थी। इसलिए उसके खिलाड़ी एक हाथ में स्पंज और दूसरे हाथ में बाल्टी लेकर मैदान में उतर गए। हालांकि, इसके बावजूद दूसरे दिन का खेल नहीं हो सका। रेलवे ने पहले दिन 8.2 ओवर में पहले बल्लेबाजी करते हुए दो विकेट के नुकसान पर 25 रन बनाए थे।

चार मैदानकर्मी पूरे जी-जान से लगे थे, लेकिन उनसे मैदान सूखता नजर नहीं आ रहा था। इसलिए सूर्य कुमार यादव की कप्तानी वाली मुंबई टीम के सात खिलाड़ी मैदान में उतर पड़े। अभिषेक नायर सहित इन खिलाडिय़ों के एक हाथ में स्पंज था और दूसरे में बाल्टी। वे स्पंज से मैदान का पानी सुखाते और बाल्टी में डालते। उन्होंने बड़े स्पंज को काटकर उसके कई टुकड़े किए, जिससे आदित्य तारे और शेमल वेनगानकर भी इस काम में जुट गए। ये सभी करीब 35 मिनट तक इस काम में जुटे रहे।

मीडिया को देखकर क्यूरेटर हुए सक्रिय

इसी बीच जब वहां मौजूद कुछ मीडिया कर्मियों को इस नजारे की तस्वीरें लेते हुए देखा गया तो तुरंत रेलवे के क्यूरेटर संजीव अग्रवाल हरकत में आए और मुंबई के कोच प्रवीण आमरे के पास जाकर उन्होंने खिलाडिय़ों को मैदान पर काम करने से रोकने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने तुरंत अतिरिक्त ग्राउंड स्टाफ की व्यवस्था की।

मिलते हैं एक लाख रुपये

रेलवे और सर्विसेज को संस्थानिक इकाई होने की वजह से बीसीसीआइ की तरफ से अन्य राज्य क्रिकेट संघों की तरह कोई वार्षिक फंड नहीं मिलता है। मगर रेलवे को बीसीसीआइ एक प्रथम श्रेणी मैच कराने के लिए एक लाख रुपये देती है।

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