दबाव में बिखरने से बचना होगा द. अफ्रीका को

विश्व कप के पहले लगभग हर किसी ने इस बात का अनुमान लगाया था कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका के बाद सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और पाकिस्तान में से कोई एक टीम जगह बनाएगी। किसी ने भी इस बात की कल्पना नहीं की थी कि अपने नये कप्तान ब्रेंडन मैकुलम

By ShivamEdited By: Publish:Sun, 22 Mar 2015 06:28 PM (IST) Updated:Sun, 22 Mar 2015 10:05 PM (IST)
दबाव में बिखरने से बचना होगा द. अफ्रीका को

(सुनील गावस्कर का कॉलम)

विश्व कप के पहले लगभग हर किसी ने इस बात का अनुमान लगाया था कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका के बाद सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और पाकिस्तान में से कोई एक टीम जगह बनाएगी। किसी ने भी इस बात की कल्पना नहीं की थी कि अपने नये कप्तान ब्रेंडन मैकुलम की अगुआई में न्यूजीलैंड की टीम कुछ ऐसा प्रदर्शन करेगी कि उसे फाइनल में पहुंचने का दावेदार माना जाने लगेगा। उनका गेंदबाजी विभाग बहुत ही संतुलित नजर आ रहा है और पुराने अंदाज में नजर आ रहे डेनियल विटोरी की मौजूदगी से उनकोस्पिन गेंदबाजी का एक अच्छा विकल्प मिल गया है।

उनकी बल्लेबाजी में गहराई है और सलामी जोड़ी के रूप में ऐसे बल्लेबाज हैं जो शुरुआती दस ओवर में ही विपक्षी से मैच छीन लेने का माद्दा रखते हैं। उनकी बेंच स्ट्रेंथ भी अच्छी है, जहां कई अनुभवी खिलाड़ी बैठे हैं। यदि मैच की सुबह अंतिम एकादश का कोई खिलाड़ी अचानक बीमार भी पड़ जाए तो उसकी जगह ऐसे खिलाड़ी को शामिल किया जा सकता है, जिसे विश्व कप में खेलने का पहले से अनुभव है। चाहे उसने इस विश्व कप में कोई मैच खेला हो या नहीं।

दक्षिण अफ्रीका ने अपने माथे पर से विश्व कप में कभी भी कोई नॉकआउट मैच नहीं जीत पाने का दाग धो डाला है, लेकिन बड़ा मुकाबला अभी बाकी है। विश्व कप जीतने का उनके पास यह सुनहरा मौका है। उनकी गेंदबाजी बहुत ही संतुलित है और किसी भी तरह की पिच पर वह घातक है। डेल स्टेन, मोर्नी मोर्केल और एबॉट के रूप में उनके पास कमाल के तेज गेंदबाज हैं और दोनों छोर से नई गेंद मिलने का वे फायदा उठाना अच्छी तरह से जानते हैं। इमरान ताहिर और जेपी डुमिनी ने किफायती गेंदबाजी के साथ विकेट भी चटका कर उनका अच्छा साथ दिया है। यह उनकी बल्लेबाजी है जो दबाव में बिखर जाती है, खासकर लक्ष्य का पीछा करते हुए। पिछले विश्व कप में वे न्यूजीलैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में छोटे लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहे थे।

ऑकलैंड का मैदान छोटा है और यह सीधा शॉट लगाने वाले बल्लेबाजों को छक्का मारने का आसान मौका देता है। यदि गेंद बल्ले पर ठीक से भी न लगे तो भी वह बाउंड्री पार कर सकती है। क्वार्टर फाइनल में दोहरा शतक लगाने वाले मार्टिन गुप्टिल सीधा शॉट लगाना पसंद करते हैं। इसी मैदान पर ग्रुप स्टेज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में कमिंस की गेंद पर केन विलियमसन ने सीधे छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी। एबी डिविलियर्स भी सीधे छक्का लगाना पसंद करते हैं। यानी काफी छक्के लग सकते हैं यदि मैच के दौरान खिलाड़ी घबराए नहीं।

यह कहना बेहद ही मुश्किल है कि कौन जीतेगा, लेकिन न्यूजीलैंड में फिलहाल वह चाहत और लय नजर आ रही है। प्रोटियाज में भी चाह है, लेकिन यदि वे मेलबर्न में फाइनल खेलना चाहते हैं तो फिर उन्हें दबाव में आने से बचना होगा।

(पीएमजी)

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