Work From Home: सेज में 100 प्रतिशत कर्मचारी कर सकेंगे वर्क फ्राम होम, छोटे शहरों के लोगों को मिलेगा लाभ
विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थापित यूनिट अपने 100 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्राम होम की सुविधा दे सकेंगी। उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस मामले में सरकारी विभागों के बीच आपस में सहमति बन गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में स्थापित यूनिट अपने 100 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्राम होम (डब्ल्यूएफएच) की सुविधा दे सकेंगी। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस मामले में सरकारी विभागों के बीच आपस में सहमति बन गई है। जल्द ही इस मामले में अधिसूचना जारी हो सकती है। अभी सेज में काम कर रही आइटी सेक्टर की कंपनियां 50 प्रतिशत कर्मचारियों को डब्ल्यूएफएच की सुविधा दे सकती हैं।
अगले तीन साल में दो लाख लोगों को नौकरी देना चाहती है आइटी कंपनी
गोयल ने बताया कि नई सुविधा का फायदा यह होगा कि छोटे-छोटे शहरों के युवाओं के लिए नौकरी की संभावना निकलेंगी। उन्होंने बताया कि ऐसा देखने में आ रहा है कि सेज में काम कर रहे कर्मचारियों को काम के लिए आफिस बुलाने पर वे किसी और कंपनी को ज्वाइन कर ले रहे हैं। कोरोनाकाल में सेज यूनिट को डब्ल्यूएफएच की सुविधा दी गई थी, ताकि सेवा सेक्टर का निर्यात प्रभावित नहीं हो। इसका नतीजा यह निकला कि पिछले वित्त वर्ष में भारत का सेवा निर्यात 254 अरब डालर रहा था। उन्होंने बताया कि एक बड़ी आइटी कंपनी अगले तीन साल में दो लाख लोगों को नौकरी देना चाहती है।
छोटे शहरों के लोगों को मिले घर बैठे काम करने का मौका
सरकार के इस फैसले इस प्रकार की कंपनियों को मदद मिलेगी। नैसकाम के वाइस प्रेसिडेंट शिवेंद्र सिंह ने बताया कि 100 प्रतिशत कर्मचारियों को डब्ल्यूएफएच की सुविधा मिलने पर टीयर-2, टीयर-3 शहर के युवाओं को घर बैठे काम करने का मौका मिलेगा। नैसकाम की तरफ से सरकार से यह मांग की गई थी।
जानकारों के मुताबिक, 100 प्रतिशत कर्मचारियों को डब्ल्यूएफएच की सुविधा देने पर कंपनियों की लागत काफी कम हो जाती है। अमेरिका की कंपनियां इस माडल में काफी दिलचस्पी दिखा रही हैं। हालांकि, भारत की कुछ आइटी कंपनियां डब्ल्यूएफएच माडल का विरोध कर रही है क्योंकि कर्मचारी डब्ल्यूएफएच में दूसरी कंपनियों का काम भी करने लगते हैं।