ITR फाइलिंग: जान लीजिए आपके लिए कौन सा फॉर्म भरना जरूरी

अलग अलग करदाता के लिए अलग अलग आईटीआर फॉर्म भरना जरूरी होता है, जानिए इसके बारे में

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Fri, 06 Apr 2018 11:04 AM (IST) Updated:Sat, 14 Apr 2018 10:32 AM (IST)
ITR फाइलिंग:  जान लीजिए आपके लिए कौन सा फॉर्म भरना जरूरी
ITR फाइलिंग: जान लीजिए आपके लिए कौन सा फॉर्म भरना जरूरी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) की ओर से नए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी कर दिए गए हैं। नए फॉर्म में जहां एक ओर कुछ नए कॉलम जोड़े गए हैं, वहीं कुछ कॉलम को करदाताओं की सहूलियत के लिए हटाया भी गया है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि करदाताओं के आधार पर आईटीआर फॉर्म अलग अलग होते हैं। हम अपनी इस खबर में आपको इसी बारे में जानकारी दे रहे हैं। गौरतलब है कि आकलन वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 निर्धारित है।

जानिए आपके लिए कौन सा फॉर्म भरना है जरूरी:

ITR1 (सहज): अगर किसी इंडिविजुअल को सैलरी, पेंशन, प्रॉपर्टी के किराए या ब्याज से आमदनी होती है तो यह फॉर्म भरें। कोई भी व्यक्ति जिसे बिना बिक्री के कर मुक्त आय (कृषि के अलावा 5 हजार से ऊपर की आय) हो रही है, तो वो आईटीआर-1 फॉर्म भर सकता है। यह सिर्फ पचास लाख तक की आमदनी पर ही भरा जा सकता है।

ITR2: ऐसे इंडिविजुअल और HUF जिन्हें सैलरी, पेंशन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए, कैपिटल गेन, अन्य स्रोत से आय में लॉटरी और रेसिंग से भी आमदनी होती है। उनके लिए यह फॉर्म भरना जरूरी होता है।

ITR3: फर्म के ऐसे साझेदार जिन्हें ब्याज, सैलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए इनकम होती है उनके लिए यह फॉर्म भरना जरूरी होता है।

ITR4: जिन लोगों को बिजनस, प्रोफेशन (डॉक्टर, वकील आदि) के जरिए आमदनी हो रही हो, उनके लिए यह फॉर्म होता है। यह उनके लिए है जिनकों अपने खाते चार्टेड अकाउंटेंट से ऑडिट कराने होते हैं।

ITR4s (सुगम): बिजनेस में जिनका टर्नओवर 2 करोड़ से कम हो, बिजनेस प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन रुल (Business presumptives taxation rules) के दायरे में जो भी आता हो उसके लिए यह फॉर्म होता है। यह छूट 44 AD के तहत मिलती है।

ITR5: यह फॉर्म सिर्फ पार्टनरशिप फर्म या फिर ट्रस्ट या सोसाइटी के लिए होता है।

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